नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन के अंदर ही भारत ने इसका बदला ले लिया है. बुधवार देर रात भारतीय सेनाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (‘Operation Sindoor’) चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों (Terrorist Bases) पर हमला किया. इसमें करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है.
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को तड़के 1:44 बजे “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन को भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त प्रयासों से अंजाम दिया गया, जिसकी निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस कार्रवाई के बाद पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाली महिलाओं और पीड़ितों के परिजनों ने भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना की और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
“सरकार पर विश्वास जगा”
हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के पिता, संजय द्विवेदी, ने कहा कि इस ऑपरेशन से देश की सरकार पर भरोसा और मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, “मैं लगातार खबरें देख रहा हूं। मैं भारतीय सेना को सलाम करता हूं और पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने देश के लोगों के दर्द को सुना। मैं सेना का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को खत्म किया। ये खबर सुनकर हमारे पूरे परिवार का दिल हल्का हो गया है।”
“ये असली श्रद्धांजलि है”
शुभम द्विवेदी के एक अन्य रिश्तेदार मनोज द्विवेदी ने कहा, “22 अप्रैल को जब हमारा बच्चा शहीद हुआ, हमने कहा था कि हमारे देश में अब एक क्रांति आने वाली है। हमें पूरा विश्वास था कि पीएम मोदी आतंकवाद को खत्म करने के लिए सबसे सख्त कदम उठाएंगे। आज सेना ने हमारे बेटे को असली श्रद्धांजलि दी है, इसके लिए हम तहेदिल से शुक्रगुजार हैं।”
पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाली महिलाओं और परिजनों ने ऑपरेशन सिंदूर को अपने दुख का बदला लेने वाला कदम बताया। उनकी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं ने पूरे देश को छू लिया। शुभम द्विवेदी की विधवा ने कहा, “आज मेरे पति का बदला पूरा हुआ। मैं भारतीय सेना को सलाम करती हूं और पीएम मोदी को धन्यवाद देती हूं। आज मेरे पति की आत्मा को शांति मिलेगी।”
महाराष्ट्र के कौस्तुभ गणबोते भी हमले में शहीद हुए थे। उनकी विधवा संगीता गणबोते ने कहा, “सेना का यह कदम सराहनीय है। ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर मैं भावुक हो गई। यह महिलाओं के सम्मान का प्रतीक है। पीएम मोदी ने आतंकियों को करारा जवाब दिया। आतंक का खात्मा हो!”
शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता का रिएक्शन
पहलगाम में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने इस कार्रवाई की सराहना की है। अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नरवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जब भी मीडिया ने मुझसे पूछा कि मैं भारत सरकार से क्या चाहता हूं, तो मैंने उनसे कहा कि मुझे उन पर भरोसा है और वे अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “और अब वह दिन आ गया है, जब काम पूरा हो गया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, वे उन्हें वापस नहीं पा सके, लेकिन हम ऐसी कार्रवाई चाहते थे, जो एक बड़ा संदेश दे। मुझे लगता है कि वे (पाकिस्तान) इस कार्रवाई को कभी नहीं भूलेंगे।” नरवाल ने ऑपरेशन “सिंदूर” की भी सराहना की और कहा कि इससे 26 महिलाओं को निश्चित रूप से सांत्वना मिलेगी, जिन्होंने अपने पुरुषों को खो दिया है। उन्होंने सशस्त्र बलों को धन्यवाद दिया और कहा कि हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए, इससे उनका मनोबल बना रहता है।
“बेटे का बलिदान व्यर्थ नहीं गया”
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मां आशा नरवाल ने कहा, “मेरा पूरा परिवार मोदी साहब के साथ है, जिन्होंने आज बदला लिया है। मैं सशस्त्र बलों के जवानों से कहना चाहती हूं कि वे आगे बढ़ते रहें। आज उन सभी को श्रद्धांजलि दी गई है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है।”
पहलगाम आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले कर्नाटक निवासी मंजूनाथ राव की मां सुमति ने कहा, “मेरे बेटे का बलिदान व्यर्थ नहीं गया… हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी उचित कार्रवाई करेंगे और उन्होंने ऐसा किया।”
जम्मू में गूंजे ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ के नारे
इस ऑपरेशन के बाद जम्मू में स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। लोगों ने खुले दिल से सेना और सरकार की सराहना की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “पाकिस्तान की ओर से हुए हमले का जवाब देना बेहद जरूरी था। हम सरकार और भारतीय सेना के आभारी हैं कि उन्होंने सटीक और प्रभावी कार्रवाई की।”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ करारा जवाब
भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन को “नॉन-एस्केलेटरी” और “कैलिब्रेटेड” बताया गया, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, “न्याय हुआ। जय हिंद!” इस ऑपरेशन को पहलगाम हमले के जवाब में एक मजबूत कदम माना गया, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो-टॉलरेंस नीति को भी दिखाया है।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने इस ऑपरेशन की रातभर निगरानी की। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत उन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ हमलों की साजिश रची जाती थी।” इस ऑपरेशन की सफलता ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश भी दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा।
भारत ने लिया बदला
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पहलगाम हमले का बदला लिया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में सक्षम है। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि उनकी सेना ने दो भारतीय जेट और एक ड्रोन को मार गिराया, लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि उसकी कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित थी।
भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस जैसे देशों को अपनी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसकी स्थिति और मजबूत हुई। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है, हालांकि उन्होंने कूटनीतिक रास्तों को भी खुला रखने की सलाह दी।
कैसे हुआ था पहलगाम हमला?
पहलगाम के बैसारन घाटी में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय निवासी मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी माना जाता है। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान के “डीप स्टेट” की संलिप्तता का दावा किया और इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक आतंकी घटना करार दिया। इस हमले ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी आक्रोश पैदा किया।
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