
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) सांसद और राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने उपसभापति (Deputy Chairman) हरिवंश को पत्र लिखा (Written a Letter) है। उन्होंने सदन (Parliament) के वेल (Well) में सीआईएसएफ जवानों (CISF Jawans) के आने की घटना को ‘बेहद आपत्तिजनक’ बताया और कहा कि संसद में ऐसी घटना हैरान करने वाली है। खरगे ने उपसभापति को लिखे पत्र में कहा, भविष्य में, जब राज्यसभा सदस्य जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे होंगे, तो सीआईएसएफ कर्मी सदन के वेल में नहीं आएंगे, उन्हें ऐसी उम्मीद है।’
बता दें कि संसदीय नियमावली के तहत सदन की कार्यवाही चलते समय सदन के वेल में सांसदों का आना प्रतिबंधित होता है। इसे सदन में अव्यवस्था के साथ-साथ सभापति के आसन पर दबाव बनाने के प्रयास की तरह देखा जाता है। सदन के वेल में घुसने को लेकर सभापति सांसदों को आगाह करते हैं। पीठासीन सभापति के निर्देशों और अपील का उल्लंघन करने पर सांसदों को निलंबित भी किया जा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उपसभापति डॉ हरिवंश को लिखे पत्र में कहा, ‘हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस समय राज्यसभा सदस्य जब अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं… उस समय सुरक्षाकर्मियों का सदन के वेल में आना बेहद आपत्तिजनक है और वे इसकी कड़ी निंदा करते हैं। खरगे ने लिखा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में, जब सदस्य जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे होंगे, तो सीआईएसएफ कर्मी सदन के वेल में नहीं आएंगे।’
संसद की कार्यवाही संचालन के समय सभापति के आसन के ठीक सामने राज्यसभा महासचिव बैठते हैं। उनके अलावा सदन की कार्यवाही चलाने में मदद करने वाले कई अन्य पदाधिकारी भी होते हैं। सांसदों के बैठने की जगह और सभापति के आसन के बीच अर्धचंद्राकार या यू शेप वाले हिस्से को सदन का वेल कहा जाता है। इस जगह पर बिना अनुमति के आना नियमों का उल्लंघन और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
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