नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) देशभर में जैविक खेती (Organic farming) को बढ़ावा देने के लिए आगामी 13 अप्रैल से विशेष अभियान चलाएगा। इसके साथ ही पौधा रोपण और जलसंवर्धन को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। यह बातें संघ के विदर्भ प्रांत कार्यवाह दीपक तामशेट्टीवार ने गुरुवार को कही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की हाल में बेंगलुरू में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के फैसलों की जानकारी साझा करने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तामशेट्टीवार ने बताया कि संघ ने पर्यावरण से जुडे़ मुद्दों पर काम करने का फैसला किया है। इस के तहत संघ रासायनिक खाद के उपयोग को रोकने के लिए मुहिम चलाएगा। वहीं ग्राम विकास और कृषि क्षेत्र में विशेष दृष्टि रखते हुए कार्य का आरंभ करेगा। बतौर तामशेट्टीवार आगामी 13 अप्रैल से संघ भूमि सुपोषण अभियान शुरू करेगा। कृषि विशेषज्ञों ने सिद्ध किया है कि इन प्रयोगों से किसानों की स्थिति बेहतर बनाई जा सकती है। इस क्षेत्र में सक्रिय संस्थाओं और संगठनों ने मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है। इसे सामाजिक अभियान के रूप में चलाने का निर्णय लिया गया है। तामशेट्टीवार ने कहा कि भूमि-सुपोषण से अर्थ है कि मिट्टी के आवश्यक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए काम किया जाए।
राम मंदिर के लिए विदर्भ से 57 करोड़ का निधि समर्पण
तामशेट्टीवार ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि (Shriram janmabhoomi) पर मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान में स्वयंसेवकों ने विदर्भ के 11 जिलों में 25 लाख परिवारों से संपर्क कर 50 करोड़ रुपये की धनराशि इकट्ठा करने का संकल्प लिया था। उन्होंने बताया कि विदर्भ की जनता ने हमारी अपेक्षाओं से अधिक सहयोग किया है। विगत 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चले इस अभियान में स्वयंसेवकों ने विदर्भ के 12 हजार 310 गांवों में रहने वाले 27 लाख 67 हजार परिवारों से संपर्क कर 57 करोड़ रुपये की धनराशि इकट्ठा की है। प्रांत कार्यवाह ने बताया कि पूरे देश में स्वयंसेवकों ने 5 लाख 45 हजार गांवों के 12 करोड़ 47 लाख परिवारों से संपर्क करने में सफलता पाई है।