
इंदौर। शासन इंदौर सहित प्रदेशभर में आधुनिक सीएम राइज स्कूलों का निर्माण विभिन्न शासकीय एजेंसियों से करवा रहा है, जिसमें इंदौर में भी 11 सीएम राइज स्कूल निर्मित किए जा रहे हैं, जिनका जिम्मा इंदौर विकास प्राधिकरण और मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग विकास विकास निगम को मिला है। प्राधिकरण ने 4 सीएम राइज स्कूलों में से तीन की बिल्डिंगें निर्मित करवा दी हैं, जिनमें फर्नीचर सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं जुटाने का काम इन दिनों चल रहा है। चौथा सीएम राइज स्कूल प्राधिकरण को मूसाखेड़ी में बनाना था, मगर उसके लिए जमीन प्राधिकरण को उपलब्ध नहीं हो सकी। लगभग 110 करोड़ रुपए की लागत से प्राधिकरण ने पाल कांकरिया, शिव नगर और नंदा नगर में ये सीएम राइज स्कूल बनवाए हैं और शिक्षा विभाग भी प्रयास कर रहा है कि इसी शिक्षण सत्र से इन स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई शुरू करवा दी जाए।
प्रदेशभर में सरकारी स्कूलों को उन्नत करते हुए निजी स्कूलों की तर्ज पर विकसित करने के लिए सीएम राइज योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा शुरू कराई गई थी, जिसमें 9 हजार से अधिक स्कूलों का चयन किया गया और पहले चरण में 274 सरकारी स्कूलों की नई बिल्डिंगों के निर्माण को मंजूरी दी गई और अलग-अलग शहरों में इसका जिम्मा हाउसिंग बोर्ड, प्राधिकरण, पुलिस हाउसिंग, लोक निर्माण आदि को सौंपा गया। अभी प्रदेश की मोहन सरकार ने भी अपने बजट में सीएम राइज स्कूलों के लिए प्रावधान किए हैं। इसके साथ ही पीएम श्री योजना के तहत भी 780 स्कूलों में आधुनिक पाठ्यक्रमों को लागू कर शिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है। सीएम राइज स्कूलों के लिए इस साल के बजट में तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि का प्रावधान भी किया गया है। इंदौर विकास प्राधिकरण को 4 सीएम राइज स्कूलों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मगर मूसाखेड़ी स्कूल के लिए जमीन अभी तक नहीं मिली।
अलबत्ता तीन सीएम राइज स्कूलों का निर्माण प्राधिकरण ने लगभग पूरा करा दिया है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक पाल कांकरिया स्थित सीएम राइज स्कूल की बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो गई है, जिस पर 32 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। इसी तरह शिव नगर स्थित सीएम राइज स्कूल भी 40 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार हो चुका है और तीसरा सीएम राइज स्कूल 36 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। इन तीनों स्कूलों के निर्माण पर 110 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है और अब फर्नीचर, लाइब्रेरी सहित अन्य आवश्यक साधन-संसाधन जुटाए जा रहे हैं। डिपॉजिट वर्क के तहत प्राधिकरण ने इन स्कूलों का निर्माण किया है और संभवत: इस महीने के अंत तक रंगाई-पुताई सहित बचे हुए काम पूरे कर शिक्षा विभाग को ये स्कूल सौंप दिए जाएंगे।
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