
इंदौर। सुप्रीम कोर्ट आदेश के चलते प्राधिकरण को जो 97 पार्ट-4 में 100 एकड़ से अधिक बेशकीमती जमीन हासि ल हुई है उसकी प्लानिंग तो की ही जा रही है, उसके साथ इसमें 42 एकड़ जमीन सिटी फॉरेस्ट की भी शामिल है। उसे विकसित इस तरह से किया जाएगा कि सीमेंट कांक्रीट का कम से कम उपयोग हो और घने पेड़ भविष्य में तैयार किए जा सकें। आज कंसल्टेंट को चर्चा के लिए भी प्राधिकरण दफ्तर बुलाया गया है और इसके अलावा अपनी टीपीएस योजनाओं में भी प्राधिकरण इस बार 17 गार्डन तैयार कर रहा है और 2 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। गत वर्ष प्राधिकरण ने जो पौधारोपण किया था उसके परिणाम भी अच्छे आए और 10-10 फीट ऊंचे ये पौधे अब पेड़ का स्वरूप ले चुके हैं। इसमें मियां वाकी पद्धति से योजना 78 में तैयार किया गया गार्डन भी शामिल है।
प्राधिकरण ने 1200 हेक्टेयर से अधिक जमीनों पर टीपीएस योजनाएं घोषित कर रखी है। हालांकि अभी अहिल्या पथ का मामला अधर में पड़ा है, जिसमें 5 टीपीएस योजनाएं घोषित की गई थी। मगर शासन ने अनुमति नहीं दी और यह निर्देश दिए कि सडक़ के दूसरी तरफ भी मौजूद कृषि जमीनों को शामिल किया जाए। दूसरी तरफ प्राधिकरण की जो वर्तमान में टीपीएस योजनाएं हैं उनमें 1, 2, 3, 4, 5 से लेकर 10 तक में वैसे तो 141 गार्डन निकल रहे हैं, मगर चूंकि इन योजनाओं में अभी विकास कार्य जारी है। लिहाजा इस बार मानसून सत्र में 17 गार्डन ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां पर पौधारोपण किया जा सकेगा।
संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह की भी मंशा है कि प्राधिकरण की सभी योजनाओं के साथ-साथ खुली जमीनों और नई टीपीएस योजनाओं में भी बेहतर हरियाली के साथ सिटी फॉरेस्ट योजना पर भी काम किया जा सके, जिसके चलते पिछली बोर्ड बैठक में योजना 97 पार्ट-4 में सिटी फॉरेस्ट के लिए उपलब्ध 42 एकड़ जमीन पर नगर वन योजना को अमल में लाने का निर्णय लिया गया। अभी एक अनुमान के तहत लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि इस पर खर्च की जाएगी। वहीं आज सीईओ आरपी अहिरवार ने कंसल्टेंट फर्म को चर्चा के लिए बुलाया है, ताकि सिटी फॉरेस्ट को किस तरह विकसित किया जा सके। श्री अहिरवार के मुताबिक प्रयास होंगे कि इसमें सीमेंट कांक्रीट का कम से कम इस्तेमाल किया जाए और प्राकृतिक तरीके से ही ये नगर वन विकसित हो। इसकी पूरी मास्टर प्लानिंग करते हुए डीपीआर तैयार की जाएगी, जिसे अगली बोर्ड बैठक में प्रस्तुत करेंगे। पिछले दिनों लगभग एक दर्जन फर्मों ने कंसल्टेंट कार्य के लिए टेंडर जमा किए थे। वहीं दूसरी तरफ इस मानसून में सभी विभागों को कलेक्टर आशीष सिंह ने पौधारोपण के निर्देश दिए हैं। उसमें 2 से 3 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य प्राधिकरण को भी दिया गया है। लिहाजा टीपीएस योजनाओं में मौजूद 17 गार्डनों में प्राधिकरण यह पौधारोपण करेगा और फिर उनका रख-रखाव भी बेहतर तरीके से होगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved