
इंदौर, राजेश ज्वेल। बड़े ही सुनियोजित तरीके से योजना क्रमांक 140 में मौजूद आवासीय सवाणिज्यिक उपयोग का एक लगभग 60 हजार स्क्वेयर फीट का बेशकीमती भूखंड के टेंडर को मंजूर करने का प्रस्ताव कल बोर्ड बैठक में रखा गया। हालांकि प्राधिकरण द्वारा तय की गई न्यूनतम दर से अधिक दर का टेंडर प्राप्त हुआ। मगर चूंकि यह सिंगल टेंडर था और पहले इसे निरस्त करने का प्रस्ताव बनाया और फिर अचानक उसे संशोधित करते हुए बोर्ड नोट बदला और मंजूरी के लिए रख दिया। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस खेल को चौपट कर दिया और उन्होंने कहा कि दूसरी बार टेंडर बुलाए जाएं, जिसके चलते 129 करोड़ 47 लाख रुपए की बड़ी राशि का यह टेंडर बोर्ड में मंजूर नहीं हो सका, जिसके लिए प्राधिकरण के एक अधीक्षण यंत्री ने जबरदस्त जमावट भी कर ली थी।
प्राधिकरण बोर्ड में कल 19 से अधिक प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से अधिकांश मंजूर भी हो गए। इनमें विभिन्न योजनाओं में बची सम्पत्तियों को भी आवास मेला लगाकर बेचने का निर्णय भी लिया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 260 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है। मगर सबसे रौचक मामला योजना 140 के विशाल भूखंड का रहा। भूखंड क्रमांक आरसीएम-16 के टेंडर प्राधिकरण ने 13 मार्च को ऑनलाइन आमंत्रित किए, जिसमें सिर्फ एक ही टेंडर राजश्री पॉवर एंड इस्पात प्रा.लि. तर्फे विनोद कुमार जैन का प्राप्त हुआ। इस भूखंड का क्षेत्रफल 5700 वर्ग मीटर यानी लगभग 60 हजारस्क्वेयर फीट है, जिसके लिए प्राधिकरण ने न्यूनतम दर 2 लाख 25 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर तय की थी, जिसके बदले इस सिंगल टेंडर में 2 लाख 27 हजार 151 रुपए की उच्चतम दर प्राप्त हुई।
प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक बोर्ड मीटिंग के पहले तो इस सिंगल टेंडर को निरस्त कर फिर से टेंडर बुलाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा था और उसी के मुताबिक निविदा समिति भी अपना निर्णय लेती। मगर अचानक दो दिन पूर्व प्राधिकरण के अधीक्षण यंत्री सक्रिय हुए और उन्होंने प्राधिकरण में ही ऊपर से लेकर नीचे तक जमावट कर ली और नतीजतन निविदा समिति पर भी इस बात का दबाव आया कि इस टेंडर को मंजूर करने की अनुशंसा की जाए, जिसके चलते 5 सदस्यीय निविदा समिति ने भी अपनी अनुशंसा इस सिंगल टेंडर के पक्ष में कर दी।
मगर बोर्ड बैठक में जब यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए आया तो कलेक्टर ने उसे रोक दिया और कहा कि चूंकि पहली बार ही टेंडर बुलाया है और उसमें भी सिंगल टेंडर ही मिला है, इसलिए इसे निरस्त कर दोबारा टेंडर बुलाए जाएं। चूंकि कलेक्टर ने इस टेंडर पर सवाल खड़े कर दिए थे। लिहाजा वरिष्ठ सहित अन्य अधिकारी कुछ बोल नहीं पाए और टेंडर निरस्त करने का ही निर्णय लेना पड़ा, जिसके चलते की गई सारी जमावट भी बिगड़ गई। दूसरी तरफ अन्य सम्पत्तियों के मिले टेंडरों की मंजूरी के साथ अन्य निर्णय भी बोर्ड ने लिए।
छाबड़ा ने मारी बाजी… भदौरिया-मतलानी रह गए पीछे
प्राधिकरण बोर्ड ने कल योजना 139 एमआर-10 सुपर कॉरिडोर पर दो बड़े भूखंडों के टेंडर मंजूर किए। चूंकि इसमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हुई और 5 टेंडर प्राप्त हुए। इसमें भूखंड क्रमांक 6 और 7 के लिए सेंचुरी 21 टाउन प्लानर प्रा.लि. तर्फे करणसिंह छाबड़ा के अधिक दरों के दोनों टेंडरों को मंजूरी दी गई। इन दोनों भूखंडों से प्राधिकरण को 121 करोड़ 42 करोड़ की राशि प्राप्त होगी। वहीं इन्हीं भूखंडों के लिए सुरेशसिंह भदौरिया और गिरीश मतलानी दौड़ में पीछे रह गए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved