
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच नई स्टडी में विशेषज्ञों ने इस वायरस के बदलते स्वरुप को पाया है। चिंता का विषय यह है कि वायरस बार-बार अपना स्वभाव बदलता है तो वैक्सीन कितनी असरदार होगी उसका आकलन लगाना मुश्किल हो जाएगा।
जर्नल ऑफ लेबोरेटरी फिजिशियन की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि SARS-CoV-2 वायरस का “स्पाइक प्रोटीन” में कई परिवर्तन हुए हैं। इसी प्रोटीन के चलते वायरस मानव कोशिकाओं में घुसपैठ कर पता है जिसके बाद वह संक्रमण फैलना शुरू कर देता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ सरमन सिंह ने कहा कि उन्हें स्पाइक प्रोटीन (SARS-COV-2) में 12 म्यूटेशन मिले, जिनमें से छह नॉवेल म्यूटेशन थे। अध्ययन में कहा गया है कि छोटी अवधि के भीतर Covid 19 वायरस के स्वभाव में परिवर्तन हो सकता है। जोकि ये बताता है कि एक इसके लिए टीका विकसित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। म्यूटेशन एक बड़ा कारण हो सकता है जोकि आपके शरीर में एंटीबॉडी बनने ही न दे। यह दर्शाता है कि म्यूटेंट से संक्रमित रोगियों में बहुत कम या शून्य एंटीबॉडी होंगे।
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