
उज्जैन। शहर की कई पीढियों को फिल्म दिखाने वाला सबसे पहला रीगल टॉकीज अब लगभग समाप्त होने जा रहा है। इसे आधा तोड़ा जा चुका है और अब दो-चार दिन में पूरा ढह जाएगा। आजादी के बाद से लगभग 60 के दशक से फिल्मों का इतिहास समेटे हुए रीगल टॉकीज पिछले कई दिनों से खड़ा था हालांकि यह पिछले कई सालों से बंद पड़ा था पहले भी यहां परिसर बनाने की योजना चली थी लेकिन बाद में यह मामला ठंडा बस्ते में चला गया था लेकिन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने यहां मुख्यमंत्री बने के बाद पहली घोषणा की थी कि इस खुला परिसर और कॉम्पलेक्स बनाया जाए टेंडर और अन्य प्रक्रिया में यहां 2 साल लग गए पहले पुरानी नगर निगम का भवन तोड़ा गया और अब रीगल टॉकीज धीरे-धीरे तोड़ा जा रहा है इसके टूटने से कई बरसों का शहर को फिल्म दिखाने का इतिहास भी समाप्त हो जाएगा।
सिनेमाघरों की जगह मल्टीप्लेक्स ने लिया स्थान…
अब जहां रीगल टॉकीज और अन्य पुराने सिनेमाघर हुआ करते थे, वहां मल्टीप्लेक्स के आधुनिक सिनेमाघर अपनी जगह बना चुके हैं। हालांकि, शहर के कुछ बुजुर्ग अब भी पुराने सिनेमाघरों की यादें ताजा करते हैं और उन्हें सिनेमा का वो स्वर्णिम युग याद आता है, जब यह टॉकीज शहर के फिल्म प्रेमियों के लिए एक प्रमुख केंद्र हुआ करता था।
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