
सूरत: गुजरात (Gujrat) के सूरत (Surat) में एक बिजनेसमैन (Businessman) ने 21 हजार छात्राओं (21 Thousand Girl Students) की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई है. उन्होंने एक पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत वह करीब 21 हजार छात्राओं की फीस, स्टेशनरी, किताबें और बाकी खर्च उठाएंगे. इस पहल के लिए वह 15 करोड़ रुपये खर्च करेंगे और 21 हजार छात्राओं को उनकी पढ़ाई जारी रखने में मदद करेंगे.
सरकारी स्कूल में 9वीं कक्षा से पढ़ाई तो फ्री होती है, लेकिन किताबों और बाकी खर्च खुद उठाना पड़ता है. ऐसे में कई गरीब छात्राएं ऐसी होती हैं, जिनकी माता-पिता के पास इतना पैसा नहीं होता और उन्हें मजबूरन अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ जाती है. ऐसी गरीब और अनाथ छात्राओं की मदद के लिए कारोबारी पीयूष देसाई आगे आए हैं, जो बानसकांठा जिले के नानोटा गांव के रहने वाले हैं और सूरत में टेक्सटाइल और बिल्डिंग कारोबार से जुड़े हुए हैं.
33 साल के पीयूष देसाई जरूरतमंद 21,000 छात्राओं पर 15 करोड़ रुपए खर्च करेंगे और हर छात्रा को 7,500 रुपए की आर्थिक सहायता देंगे. उनका मकसद है कि पैसों की कमी की वजह से कोई भी छात्रा अपनी पढ़ाई न छोड़े. उन्होंने एक योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम हीराबा का खमकार है. इसी के तहत जरूरतमंद छात्राओं की मदद की जाएगी.
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