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कर्नाटक में उठा सैकड़ों महिलाओं के रेप और हत्या का मामला, सीएम बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा

July 22, 2025

नई दिल्‍ली । कर्नाटक (Karnataka)के मंगलुरु के पास स्थित धर्मस्थल मंदिर परिसर(Dharmasthala Temple Complex) में कई साल पहले कथित तौर पर सैकड़ों महिलाओं(Hundreds of women) के साथ यौन उत्पीड़न(sexual harassment) हुआ और उनकी हत्या करने के बाद शवों को परिसर में दफना दिया गया था.अब मामला विशेष जांच टीम को सौंपा गया.कर्नाटक के मंगलुरु के पास स्थित धर्मस्थल मंदिर परिसर में कई साल पहले कथित तौर पर सैकड़ों महिलाओं के यौन उत्पीड़न, रेप और हत्या के बाद उनके शव को गुपचुप तरीके से दफनाने का मामला सुर्खियां बटोर रहा है.


मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि इस मामले में किसी भी अभियुक्त को बख्शा नहीं जाएगा और उनकी सरकार इस मामले से निपटने में किसी भी दबाव में नहीं आएगी.सरकार ने इस घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) प्रणब मोहंती की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है.इस टीम से शीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.ओडिशा में छात्रा के आत्मदाह से कटघरे में कानून और समाजकर्नाटक राज्य महिला आयोग अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने एसआईटी के गठन के लिए सरकार को एक पत्र भेजा था.

इसमें उन्होंने एक व्यक्ति की ओर से अदालत में दिए गए बयान का हवाला देते हुए दावा किया था कि धर्मस्थल क्षेत्र में सैकड़ों शव दफनाये और जलाए गए थे.वैसे, इससे पहले वर्ष 1983 में भी बेलथांगड़ी के विधायक के.वसंत बंगेरा ने भी धर्मस्थल में चार महिलाओं के लापता होने का मामला कर्नाटक विधानसभा में उठाया था.क्या है धर्मस्थल का पूरा मामलाधर्मस्थल मंदिर कर्नाटक में मंगलुरु के पास नेत्रावती नदी के किनारे बसा धर्मस्थल मंजूनाथ (शिव) मंदिर काफी मशहूर है.यह हिंदू और जैन धर्म के आपसी सामंजस्य की एक अनूठी मिसाल भी है.इस मंदिर में पुजारी तो हिंदू हैं लेकिन इसका संचालन जैन धर्म से जुड़े लोग करते हैं.रोजाना दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन मंदिर के एक पूर्व सफाई कर्मचारी के खुलासे में मंदिर प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

उसने हाल में पुलिस के समक्ष और अदालत में दावा किया है कि वर्ष 1998 से 2014 के बीच उसे जबरन स्कूली छात्राओं समेत सैकड़ों महिलाओं को जलाने और दफनाने पर मजबूर किया गया था.बलात्कार के बाद उन सबकी हत्या कर दी गई थी.उसने पुलिस के समक्ष अपने बयान में कहा है कि इस काम से मना करने पर उसे मुंह बंद रखने और पूरे परिवार के साथ हत्या करने की धमकी दी गई थी.इस अपराध में मंदिर प्रबंध के कई बेहद प्रभावशाली लोग भी शामिल थे.हम्पी के पास दो महिलाओं का गैंगरेप और एक पर्यटक की हत्यादक्षिण कर्नाटक के पुलिस अधीक्षक अरुण के.डीडब्ल्यू को बताते हैं, “उस व्यक्ति की शिकायत के आधार पर बीती तीन जुलाई को धर्मस्थल थाने में एक मामला दर्ज किया गया.उस व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी गई है”

एसपी के मुताबिक, उस व्यक्ति ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि करीब 11 साल पहले वो डर के मारे अपने पूरे परिवार समेत धर्मस्थल छोड़ कर चला गया था और पड़ोसी राज्य में गोपनीय रूप से रह रहा था.उसने पुलिस से अपने पूरे परिवार के लिए सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था.अदालत के निर्देश पर उसे सुरक्षा मुहैया करा दी गई है.धर्मगुरू जिम्मेदारी लें तो पर्यावरण का भी भला होगापुलिस के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर डीडब्ल्यू को बताया, “बीते सप्ताह शिकायतकर्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होकर अपना बयान कलमबंद करा दिया है.इसमें भी उसने वही बातें दोहराई जो पुलिस को दिए गए बयान में कही थी.उसका कहना था कि जिन महिलाओं को जलाया या दफनाया गया था उनके शरीर पर यौन उत्पीड़न और चोट के साफ निशान थे.

एक बार तो उसने एक स्कूली छात्रा को उसके स्कूल ड्रेस व बैग के साथ भी दफनाया था”वह सफाई कर्मचारी वर्ष 1998 से 2014 के बीच मंदिर में काम करता था. उसने तस्वीरों और दफन किए गए शवों के अवशेषों के सबूत पुलिस को सौंपे हैं.लेकिन आखिर इतने साल बाद वह इन आरोपों के साथ सामने क्यों आया है? पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, उस व्यक्ति ने अपने बयान में कहा है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने की बेचैनी और आत्मग्लानि उसे चैन से जीने नहीं दे रही थी.इसी वजह से उसने इस मामले को सामने लाने और इस अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने का फैसला किया है.

एक पुराना मामला भीअब इस शिकायत के बाद बरसों पुराना एक मामला भी सामने आ गया है.बेंगलुरु की रहने वाली एक महिला ने भी बीते सप्ताह धर्मस्थल थाने में नए सिरे से दर्ज शिकायत में बरसो पहले अपनी लापता बेटी का पता लगाने की अपील की है.मनीपाल मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली उसकी बेटी 2003 में धर्मस्थल मंदिर परिसर से ही लापता हो गई थी.तब वह महिला कोलकाता में नौकरी करती थी.बेटी के लापता होने की सूचना मिलने के बाद वह धर्मस्थल पहुंची थी.लेकिन पुलिस या प्रशासन ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया.

अब उसे उम्मीद है कि शायद उसकी बेटी का शव भी उन सैकड़ों महिलाओं में शामिल हो जिनको बरसों पहले गोपनीय तरीके से दफनाया गया था.उस महिला ने अज्ञात शवों में से अपनी पुत्री के शव का पता लगाने के लिए डीएनए जांच कराने की मांग की है.क्या यूनिवर्सिटी कैंपस में भी छात्राएं सुरक्षित नहींइससे पहले वर्ष 2012 में सौजन्या नामक 17 साल की एक युवती के साथ रेप के बाद उसकी हत्या की घटना ने इलाके में काफी सुर्खियां बटोरी थी.इस मामले के इकलौते अभियुक्त को सबूतों और गवाहों के अभाव में हाल में एक स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया था.धर्मस्थल मंदिर प्रशासन ने भी इस मामले में एसआईटी जांच का स्वागत किया है

श्री क्षेत्र धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर मंदिर के प्रवक्ता के.पार्श्वनाथ जैन की ओर से जारी बयान में उम्मीद जताई गई है कि एसआईटी की जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.इसमें कहा गया है कि इन आरोपों की वजह से देश भर में बहस और विवाद शुरू हो गया है.इसके कारण मंदिर की छवि पर लगे दाग को दूर करने के लिए स्वच्छ और पारदर्शी जांच जरूरी है.जागृत नागरिकारू, कर्नाटक के बैनर तले लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने भी एसआईटी के गठन का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि जांच टीम बरसों से धर्मस्थल में अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले संगठनों को भी भरोसे में लेगी।

एक महिला संगठन की कार्यकर्ता के.सुब्बुलक्ष्मी डीडब्ल्यू से कहती हैं, “किसी धार्मिक परिसर में इतने बड़े पैमाने पर होने वाली यौन उत्पीड़न और हत्या की घटनाएं शर्मनाक हैं.इनकी गहन जांच कर सच को सामने लाना चाहिए और इसके जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.आस्था के केंद्र को क्राइम हब नहीं बनने दिया जा सकता”एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता सी.मालती शेट्टी डीडब्ल्यू से कहती हैं, “इस आरोप में अगर जरा भी हकीकत है तो यह बेहद शर्मनाक है.एसआईटी की जांच से सच सामने आने की उम्मीद है.बशर्ते सरकार इस मामले में प्रभावशाली लोगों के दबाव के आगे घुटने नहीं टेक दे.यह धार्मिक भावनाओं और मंदिर प्रबंधन के लिए एक बड़ा झटका है”.

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