
इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भागीरथपुरा में हुई घटना पर तुरंत ही अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसके चलते पूरी प्रशासनिक मशीनरी भी सक्रिय हो गई। परसों रात को जैसे ही सोशल मीडिया पर यह खबर आई, उसके बाद मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिए और कल जब मृतकों की जानकारी सामने आई तो उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी करवाई, जिसके बाद कलेक्टर ने ताबड़तोड़ अधिकारियों को निलंबित किया और एक जांच समिति भी गठित कर दी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि भी घोषित की।
कलेक्टर शिवम वर्मा खबर मिलते ही परसों रात से ही ना सिर्फ सक्रिय हुए, बल्कि उन्होंने बीमारों के इलाज की भी अस्पतालों में व्यवस्था करवाई। हालांकि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी तुरंत भागीरथपुरा से लेकर अस्पतालों तक पहुंच गए। वहीं निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव ने भी मौका-मुआयना करने के साथ अधिकारियों की बैठक ली और इस तरह की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश भी दिए। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री लगातार भागीरथपुरा की घटना की रिपोर्ट लेते रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इंदौर शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपचार रत प्रभावितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। साथ ही उन्होंने इस दुखद हादसे में क्षेत्र का दायित्व संभालने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए है।
इस संबंध में कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि भागीरथपुरा मामले में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और प्रभारी उपयंत्री पीएचई शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है, साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी। समिति में प्रदीप निगम, सुप्रिडेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेष राय को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मृतकों के परिवारजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
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