
इंदौर। इंदौर नगर निगम की सिटी बस कंपनी को 70 करोड़ रुपए के घाटे से उबारने के लिए योजना तैयार की जा रही है। इस योजना के तहत डायनेमिक शेयर प्राइज स्कीम लागू की जाएगी। इस स्कीम में बस ऑपरेटर अपनी बस को अपने मन के किराए पर चला सकेगा। पूरे देश में लोक परिवहन की व्यवस्था जहां भी संचालित की जाती है वहां यह व्यवस्था घाटे का शिकार होती है। यही कारण है कि कई बार व्यवस्था दम तोड़ देती है। ऐसी ही स्थिति में मध्यप्रदेश में पहले मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम भी बंद हो चुका है। अब यही स्थिति इंदौर की सिटी बस कंपनी में बनने लगी है। यह बस कंपनी पूरे देश में अपनी बेहतर व्यवस्था के लिए पहचानी जाती है। यह कंपनी इस समय 70 करोड रुपए के घाटे में है। कंपनी को इस घाटे से उबारने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा एक योजना तैयार करवाई गई है। इस योजना का नाम है डायनेमिक फेयर प्राइज।
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए सिटी बस कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि अभी बस कंपनी द्वारा अपनी बस के लिए किराया निर्धारित किया हुआ है। कोई भी बस हो डेढ़ किलोमीटर तक की दूरी पर 5 रुपए, उसके आगे 3 किलोमीटर तक में 10 और फिर 4 किलोमीटर से 20 रुपए का किराया लेती है। यह किराया निश्चित है और इसमें बस ऑपरेटर कहीं कोई संशोधन नहीं कर सकता। अब जो नई योजना लाई जा रही है, उसमें बस ऑपरेटर द्वारा बताया जाएगा कि वह कौन से रूट पर बस चलाएगा। इस बस में ऑपरेटर द्वारा किस रेट से किराया लिया जाएगा। इस व्यवस्था में ऑपरेटर के लिए किराए का निर्धारण बस कंपनी नहीं करेगी, बल्कि वह खुद करेगा।
इस नई व्यवस्था में जो बस ग्राहकों को जितनी सेवा देगी वह उतना ज्यादा किराया भी ले सकेगी। एसी बस और नॉन-एसी बस के किराए में भी अंतर होगा। यात्री को लग्जरी सेवा देते हुए बस के किराए को भी बढ़ाया जा सकेगा। इस व्यवस्था में बस भी ऑपरेटर की होगी और किराया भी उसकी सुविधा से निर्धारित किया जाएगा। यह योजना तैयार कर ली गई है, अब इस योजना के गुण-दोष पर विचार किया जा रहा है। आने वाले समय में इस योजना को लागू कर सिटी बस कंपनी को घाटे से उबारने का काम किया जाएगा। जब ऑपरेटर किराया ज्यादा लेगा तो उसके द्वारा बस कंपनी को प्रीमियम के रूप में भी ज्यादा राशि दी जाएगी। इससे बस कंपनी के घाटे की पूर्ति हो सकेगी।
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