
नई दिल्ली । देश में एक बार फिर (In the Country once again) कोरोना के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि (The continuous increase in Corona cases) ने चिंता बढ़ा दी है (Has raised Concerns) । स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों में कई राज्यों में संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं, और अब तक कुल 12 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। देश में एक्टिव केसों की संख्या 1083 हो गई है।
केरल, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोरोना के मौजूदा मामलों में केरल सबसे आगे है, जहां 430 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं, कर्नाटक में मंगलवार को 36 नए केस मिले, गुजरात में 17, बिहार में 5 और हरियाणा में 3 नए केस दर्ज हुए। गुजरात से राहत की खबर यह रही कि यहां 13 मरीज रिकवर हो गए। अब तक अपेक्षाकृत सुरक्षित रहे नॉर्थ-ईस्ट में भी संक्रमण की आहट सुनाई देने लगी है। अरुणाचल प्रदेश में दो महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें से एक को हल्का बुखार और खांसी है, जबकि दूसरी महिला पूरी तरह असिंप्टोमैटिक है। विशेषज्ञ इसे खतरनाक संकेत मान रहे हैं।
फिरोजाबाद (यूपी) में मंगलवार को 78 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। यह राज्य में कोविड के नए वैरिएंट से हुई पहली मौत है। बुजुर्ग पहले से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया वैरिएंट बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए ज़्यादा घातक साबित हो सकता है। 26 मई को जयपुर में दो मरीजों की जान गई। इनमें से एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर मृत मिला, जिसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई। दूसरा मरीज 26 साल का युवक था, जो पहले से टीबी से ग्रसित था और एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहा था। महाराष्ट्र के ठाणे जिले से भी दो मौतों की खबर है। एक महिला और 21 वर्षीय युवक की इलाज के दौरान मौत हुई है। कर्नाटक में 84 साल के बुजुर्ग की मल्टी ऑर्गन फेल्योर के चलते जान गई थी, जिसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव निकली।
भारत में कोरोना के चार नए वैरिएंट्स मिले हैं—LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। आईसीएमआर के अनुसार ये वैरिएंट दक्षिण और पश्चिम भारत में ज़्यादा पाए गए हैं। हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन्हें गंभीर श्रेणी में नहीं रखा है, परंतु इन्हें ‘निगरानी में रखे जाने वाले’ वैरिएंट्स की श्रेणी में डाला गया है। इस वैरिएंट में A435S, V445H और T478I जैसे स्पाइक म्यूटेशन्स हैं, जो इसे अन्य वैरिएंट्स की तुलना में तेज़ी से फैलने वाला बनाते हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह वैरिएंट शरीर में पहले से मौजूद इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है। यानी जिन लोगों को पहले कोरोना हो चुका है या जिन्हें वैक्सीन लगी है, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
सिर्फ भारत ही नहीं, एशिया के कई देशों में कोरोना की वापसी दिख रही है। सिंगापुर में 13 मई तक 14,200 नए केस। थाईलैंड में 17 मई तक 33,030 नए केस। हॉन्गकॉन्ग में 10 मई तक 1042 नए केस दर्ज किए गए हैं। आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, और मामलों की गंभीरता भी कम पाई जा रही है। लेकिन लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
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