
इंदौर, राजेश ज्वेल। सालों पहले विकास प्राधिकरण ने 55 करोड़ रुपए की मोटी राशि खर्च कर पीपल्यापाला में खूबसूरत रीजनल पार्क विकसित किया, जिसे नगर निगम ने चौपट कर दिया। उसके बाद इसे ठेके पर देने की कवायद शुरू हुई और कल महापौर परिषद् की बैठक में चौथी बार बुलाए टेंडर को मंजूरी दी गई। 40 एकड़ में फैले इस रीजनल पार्क में 10 एकड़ जमीन खाली पड़ी है, उस पर अब 100 करोड़ रुपए की लागत से एक शानदार एम्यूजमेंट पार्क निजी ठेकेदार फर्म द्वारा बनवाया जााएगा, जिसमें जानी-मानी कम्पनियों के फूड आउटलेट भी आएंगे और नगर निगम को सालाना 2 करोड़ 26 लाख की किराया राशि भी प्राप्त होगी। ऑरेंज मेगा स्ट्रक्चर एलएलपी को यह ठेका दिया है। हालांकि कुछ सदस्यों ने विरोध करते हुए फिर से टेंडर बुलाने की मांग की थी।
करीब 18 साल पहले प्राधिकरण ने आकर्षक फव्वारों व अन्य सुविधाओं के साथ रीजनल पार्क को सजाया-संवारा और उसके बाद निगम के हवाले किया। तब से ही उसकी बर्बादी शुरू हो गई और धीरे-धीरे सुविधाएं भी चौपट पड़ गई। जबकि निगम रीजनल पार्क में प्रवेश शुल्क की राशि भी वसूलता है। वहां पर एक एम्यूजमेंट पार्क भी बनवाया जाना है, जिसके चलते ठेके पर देने की प्रक्रियाबीते दो-तीन साल से चल रही थी और पहले तीन बार टेंडर निरस्त भी कर दिए, लेकिन कल महापौर परिषद् की बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ठेके को मंजूरी दी। हालांकि कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया और कहा कि फिर से टेंडर बुलाए जाएं। शहर के एक जाने-माने शॉपिंग मॉल संचालक, होटल सहित अन्य कारोबार से जुड़े गुर्जितसिंह छाबड़ा की कम्पनी ने इसका ठेक ा हासिल किया है। छाबड़ा ने बताया कि देश का सबसे भव्य एम्यूजमेंट पार्क यहां निर्मित किया जाएगा, जिस पर लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि उनकी कम्पनी ऑरेंज मेगा स्ट्रक्चर एलएलपी द्वारा खर्च की जाएगी।
इंदौर में इस तरह का एम्यूजमेंट पार्क है भी नहीं, जिसमें कई तरह की आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी और दुनिया के जाने-माने फूड ब्रांड जैसे केएफसी, पिज्जा हट या अन्य भी यहां पर स्थापित किए जाएंगे। चूंकि उनकी कम्पनी को होटल, मॉल सहित इस तरह के कारोबार का अच्छा अनुभव है, जिसके चलते रीजनल पार्क में इंदौर की जनता के साथ-साथ आने वाले पर्यटकों को भी यह अनूठी सौगात मिलेगी। इसके बदले ठेकेदार फर्म नगर निगम को सालाना 2 करोड़ 26 लाख रुपए की राशि भी चुकाएगी और एम्यूजमेंट पार्क के साथ-साथ पूरे रीजनल पार्क को नए सिरे से विकसित करने पर 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च करेगी। नगर निगम ने जो अभी चौथी बार टेंडर बुलाए उसमें ऑरेंज मेगा के अलावा दो अन्य फर्मों अरिहंज फाउंडेशन एंड हाउसिंग लिमिटेड ने 1 करोड़ 81 लाख और तीसरी फर्म सोना इन्फ्रा पार्क प्रा.लि. ने 1 करोड़ 72 लाख 33 हजार का ऑफर दिया था। मगर चूंकि ऑरेंज मेगा स्ट्रक्चर एलएलपी का ऑफर सबसे अधिक राशि का था, लिहाजा उसे मंजूरी दी गई।
अभी नगर निगम 25 रुपए प्रति प्रवेश शुल्क की राशि रीजनल पार्क में वसूलता है। हालांकि पहले पिपल्यापाला तालाब में क्रूज से लेकर वॉटर स्पोट्र्स की सुविधाएं शुरू की गई थी, जो थोड़े ही समय में बंद हो गई। मगर अब निजी फर्म वाटर स्पोट्र्स सहित अन्य सुविधाएं भी रीजनल पार्क सेजुड़े पीपल्यापाला तालाब में देगी। 27 साल का यह ठेका निगम ने मंजूर किया है, जिसमें अब एम्यूजमेंट पार्क, म्यूजिक फव्वारे, शॉपिंग मॉलों की तरह फूड कोर्ट और तालाब में मिनी क्रूज चलाने जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी। 10 एकड़ के एम्यूजमेंट पार्क के अलावा अन्य उपलब्ध जमीनों पर भी बच्चों से लेकर हर वर्ग के यहां आने वाले दर्शकों को सुविधाएं मिलेंगी। अभी इंदौर में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां पर सपरिवार जाया जा सके। महापौर परिषद् की बैठक में कल कई अन्य निर्णय भी लिए गए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक ऑन डिमांड कचरा उठाने के लिए मोबाइल एप के साथ चिडिय़ाघर में सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा फिश एक्वेरियमभी बनेगा, जो कि पीपीपी मॉडल पर लाया जा रहा है। मृत पशुओं के शवों को जलाकर निपटान करने का संयंत्र और कचरे में मिलने वाले कपड़े के भी पुन: उपयोग का संयंत्र लगवाया जा रहा है। इसके साथ ही रीवर फ्रंट के भी 22 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों को मंजूरी दी गई और जीवन रेखा मार्ग पर रिटेनिंग वॉल, सौंदर्यीकरण के साथ चंदन नगर से नंदन नगर होते हुए एयरपोर्ट लिंक रोड सहित 40 से अधिक प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं।
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