
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर को धमकाने के अलावा चुनाव आयोग की तरफ से कराए जा रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में बाधा उत्पन्न करने के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सहयोग की कमी को गंभीरता से लेने को कहा।
सर्वोच्च अदालत ने कहा, अगर हालात और बिगड़ते हैं तो पुलिस तो तैनात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास सभी सांविधानिक शक्तियां हैं, जिससे हम बीएलओ और अन्य अधिकारियों को धमकाने की घटनाओं से डील कर सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे निपटें वरना इन हालातों से अराजकता हो सकती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved