
इंदौर। इंदौर के जिले और शहर भाजपा अध्यक्ष का फैसला अब मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा के बाद ही होने की संभावना है। मुख्यमंत्री आज चार दिनी यात्रा पर जापान जा रहे हैं। इंदौर के प्रभारी मंत्री होने और इंदौर के मामले में पेंच फंसने के बाद उनकी मौजूदगी में ही अध्यक्ष की घोषणा होगी। उधर, प्रदेश को भी नया अध्यक्ष 5 फरवरी के बाद ही मिल पाएगा, क्योंकि 5 तारीख को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।
अग्रिबाण ने शुरू से ही इंदौर के मामले में होल्ड करने संबंधी खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, क्योंकि प्रदेश के राजनीतिक धुरंधरों के इस शहर में आसानी से अध्यक्ष का चुनाव होना नजर नहीं आ रहा था। रायशुमारी से अलग बात की जाए तो इंदौर में अब बड़े नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई के कारण मामला खटाई में आ पड़ा है। हमेशा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की हां में हां मिलाने वाले तुलसी सिलावट इस बार जिले के अध्यक्ष को लेकर किसी प्रकार का समझौता करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने लगातार संगठन पर सांवेर के अंतरदयाल को अध्यक्ष बनाने के लिए खम ठोंक रखा है, जबकि मंत्री विजयवर्गीय यहां से चिंटू वर्मा को फिर से मौका देने के पक्ष में हैं, क्योंकि चिंटू के अभी 9 महीने ही पूरे हुए हैं और प्रदेश में अधिकांश जिलों में लोकसभा चुनाव के समय बनाए गए अध्यक्षों का कार्यकाल आगे बढ़ाया गया है। इससे उलट शहर की स्थिति है।
यहां टीनू जैन और सुमित मिश्रा के नाम को लेकर फैसला नहीं हो पा रहा है और अब संकेत दिए जा रहे हैं कि दोनों के नामों को दरकिनार कर किसी तीसरे का नाम सामने आ सकता है। इस दौड़ में कई नाम आगे चल रहे हैं। हालांकि फैसला मुख्यमंत्री की सहमति के बिना नहीं हो सकता है। पहले संभावना थी कि 26 जनवरी के पहले अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब आज मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर में हितग्राही सम्मेलन के बाद विदेश रवाना हो रहे हैं। वे चार दिनी जापान दौरे पर रहेंगे। संभवत: वे 31 जनवरी तक लौटेंगे और उसके बाद ही इंदौर को लेकर कोई फैसला हो सकता है।
उधर, प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू होना है। कई प्रदेशों के मुकाबले प्रदेश में अध्यक्ष का चुनाव भी लेट हो गया है। इसके लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव अधिकारी बनाए गए धर्मेंद्र प्रधान का अभी भोपाल आने का कार्यक्रम तय नहीं है, लेकिन वे जल्द ही आकर चुनावी प्रक्रिया संपन्न करा सकते हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि 5 फरवरी को दिल्ली में मतदान है और सभी केंद्रीय नेताओं को वहां जवाबदारी दे रखी है। उसके बाद ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर प्रक्रिया शुरू हो सकती है। वैसे अब प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही इंदौर के दोनों अध्यक्ष घोषित होने की संभावना बन रही है, जबकि 60 जिलों के अध्यक्ष घोषित हो गए हैं और उन्होंने अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। हालांकि तब तक बड़े नेताओं ने भी इस पर चुप्पी साध रखी है।
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