
डेस्क। शाहरुख खान के मालिकाना हक वाली आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सीईओ वेंकी मैसूर ने ऑलराउंडर आंद्रे रसेल के रिटायरमेंट को लेकर बात की। मैसूर ने बताया कि आंद्रे रसेल को टीम से रिलीज करने का फैसला टीम के मालिक शाहरुख खान था। जबकि उन्हें टीम का पावर कोच नियुक्त करना इसके तुरंत बाद लिया गया एक फैसला था।
ईएसपीएम क्रिकइंफो के साथ बातचीत के दौरान विंकी मैसूर ने आंद्रे रसेल के केकेआर से रिलीज होने और संन्यास लेने व उनके पावर कोच बनने के बारे में विस्तार से बात की। सीईओ ने कहा कि टीम मैनेजमेंट सभी संयोजनों पर विचार कर रहा था। रसेल को रिलीज करने से उनके पर्स में 18 करोड़ रुपये जुड़ गए। हालांकि, रसेल पर केकेआर को 12 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े, लेकिन उन्हें रिलीज करने से फ्रैंचाइजी को 18 करोड़ रुपये मिले, क्योंकि पिछले साल केकेआर के रिटेन खिलाड़ियों की सूची में वह प्लेयर 1 थे, जिसकी कीमत 18 करोड़ रुपये थी। अब यह रकम 16 दिसंबर को नीलामी से पहले टीम के पर्स में जमा कर दी गई।
मैसूर ने कहा कि काश हर साल नीलामी न होती, क्योंकि कई बार यह बहुत मुश्किल हो जाता है। कुछ चीजें न चाहते हुए भी करनी पड़ती हैं। आखिरकार हमें उन्हें रिलीज करना पड़ा। हालांकि, बहुत से लोग ये कहने लगे केकेआर को 12 करोड़ रुपये वाले खिलाड़ी में मूल्य क्यों नहीं दिख रहा? लेकिन उन्हें ये नहीं दिखता कि 18 करोड़ रुपये, जो हमारे पर्स से कट जाते अगर हम उन्हें रिटेन करते। नीलामी के लिहाज से यह बहुत बड़ी रकम होती। यही वजह थी कि उन्हें रिलीज करना पड़ा। क्योंकि मिनी-नीलामी में आप जितना हो सके उतना दांव लगाना चाहते हैं, ताकि आपके सामने आने वाले विकल्पों पर विचार करने की संभावना बनी रहे। उस नज़रिए से अगर यह 12 करोड़ रुपये होता, तो मुझे लगता है कि फैसला बहुत अलग होता।
सीईओ मैसूर ने कहा कि जब उन्होंने शाहरुख खान को बताया कि रसेल आईपीएल से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो मालिक ने उन्हें संन्यास लेने का सुझाव दिया। वह इस बात से बहुत परेशान थे, और इसलिए जब मैंने शाहरुख खान को यह बात बताई, तो यह असल में शाहरुख खान का सुझाव था। एक खिलाड़ी अपने मन में कहीं न कहीं सोच रहा होता है कि मेरे संन्यास के बाद क्या होगा? लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे इसके बारे में इतना सोचना चाहते हैं क्योंकि पेशेवर एथलीट ऐसे ही होते हैं।
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