
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir) के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी(Deputy Chief Minister Surinder Chaudhary) ने मंगलवार को दावा किया कि कुछ लोग चाहते हैं कि अमर अब्दुल्ला(Amar Abdullah) की नेशनल कॉन्फ्रेंस(National Conference) सरकार इस्तीफा(Government resign) दे दे, लेकिन वह ऐसा नहीं करेगी और लोगों के अधिकारों के लिए प्रयास करती रहेगी। चौधरी ने कश्मीर में एक समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि निर्वाचित सरकार अपनी ‘सीमित शक्तियों’ के कारण बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया है और पिछले एक दशक में इस क्षेत्र का विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया गया। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, “कुछ लोग चाहते हैं कि हम इस्तीफ़ा दे दें। लेकिन हम भागने वालों या पीठ दिखाने वालों में से नहीं हैं। हम लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे।”
राज्य में चल रहीं दो समानांतर सरकारें
चौधरी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में दो समानांतर सरकारें चल रही हैं। एक जनता द्वारा चुनी गई निर्वाचित सरकार है, जबकि दूसरी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल के नेतृत्व वाली सरकार है और इस दोहरी शासन प्रणाली से अक्सर टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। चौधरी ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, “यहां दो सरकारें चल रही हैं। एक वह है, जिसे जम्मू-कश्मीर की जनता ने चुना है, और दूसरी मनोनीत सरकार है, जिसे केंद्र द्वारा नियुक्त किया गया है। फिर भी हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेंगे।”
उपमुख्यमंत्री ने निर्वाचित सरकार के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और इसे एक “बड़ी लड़ाई” करार दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के अपने वादे को पूरा करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला द्वारा किए गए वादों को भी पूरा किया जाएगा।
पूरे पांच साव का मिला है जनादेश
चौधरी ने कहा कि राज्य की जनता ने हमें पूरे पांच साल के लिए जनादेश दिया है। हम 10 महीने में ही सरकार से इस्तीफा क्यों दें? उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार के पास सीमित संसाधन और सीमित शक्तियाँ होती हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास पूरी आज़ादी नहीं है क्योंकि हमारे यहाँ अभी भी दोहरी शासन व्यवस्था है जिसमें एक निर्वाचित सरकार और एक नियुक्त प्रशासन होता है।”
उन्होंने कहा, “हम नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे। हम संघर्ष के दौर से गुज़र रहे हैं। हमें अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए 10 महीने नहीं, बल्कि पाँच साल का जनादेश दिया गया है। फिर आप हमसे पूछ सकते हैं कि हमने कौन से वादे पूरे किए और कौन से नहीं।”
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