
बीआरटीएस तोडऩे के साथ निगम एबी रोड के चौड़ीकरण का काम करवाएगा शुरू, दोनों ठेकेदारों को वर्कऑर्डर जारी करेंगे, निरंजनपुर और जीपीओ की ओर से शुरू होगा काम
इंदौर। हाईकोर्ट (High Court) की फटकार के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS corridor) की तुड़ाई के काम में तो कुछ तेजी आई और एक तरफ की रैलिंग (Railing) तो निकाल दी। हालांकि बीम को तोडऩे और फिर उसके बाद रोड को समतल करने का काम भी किया जाएगा। अभी हाईकोर्ट में 16 दिसम्बर को कलेक्टर-कमिश्नर की पेशी भी है, जिसमें स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। निगम ने दो ठेकेदार फर्मों को सेंटर डिवाइडर निर्माण करने का काम भी सौंपा है और इसकी ड्राइंग-डिजाइन तय करने केसाथ वर्कऑर्डर भी दिया जा रहा है। निगम का दावा है कि इसी हफ्ते से ये निर्माण भी शुरू कर दिया जाएगा। निरंजनपुर और जीपीओ चौराहा की तरफ से एक साथ ये कार्य शुरू करवाएंगे।
पहले तो नगर निगम बीआरटीएस तुड़वाने के मामले में ढीलपोल बरतता रहा था और तीन बार टेंडर निरस्त करने के बाद चौथी बार में भी बड़ी मुश्किल से ठेकेदार मिला। हालांकि उसमें भी एक ठेकेदार और एक कबाड़ी को रैलिंग तोडऩे और बस स्टाप खोलने की जिम्मेदारी दी। इसी बीच चल रही सुनवाई के दौरान पिछले दिनों अधिकारियों को कड़ी फटकार पड़ी और कोर्ट ने यह तक टिप्पणी की कि मकानों या अन्य निर्माणों को तोडऩे के लिए तो निगम के पास पर्याप्त साधन-संसाधन रहते हैं। मगर बीआरटीएस को तोडऩे में इतना समय क्यों लग रहा है, साथ ही हाईकोर्ट ने 15 दिन में एक तरफ की रैलिंग निकालने को भी कहा। जिसका परिणाम यह निकला कि निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव ने लगातार मॉनिटरिंग शुरू की और तीन से चार दिन में ही ठेकेदार पर दबाव बनाया और अतिरिक्त मजदूर लगवाकर एक तरफ की रैलिंग तो पूरी निकाल दी गई, साथ में दुर्घटनाएं ना हों इसके लिए तैयार प्री-कॉस्ट डिवाइडर भी रखवाए गए हैं। मगर अभी भी समस्या यह है कि रैलिंग निकालने के बाद बीम पर वाहनों के चलने और दुर्घटना होने का खतरा बरकरार है। हालांकि सेंट्रल डिवाइडर बनने में भी अभी समय लगेगा और साढ़े 11 किलोमीटर बीआरटीएस कॉरिडोर पर अगर सेंट्रल डिवाइडर बनाने में अगर तेज रफ्तार से भी काम होता है, तब भी 6 से 8 महीने का समय भी लगेगा ही। निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर के मुताबिक दो ठेकेदार फर्मों को तय किया गया है, जो एक साथ दोनों तरफ से सेंट्रल डिवाइडर का निर्माण शुरू करेगी। एक फर्म निरंजनपुर की तरफ से, दूसरी तरफ की जीपीओ चौराहा से इसी हफ्ते काम शुरू कर देगी। ड्राइंग-डिजाइन भी महापौर पुष्यमित्र भार्गव से चर्चा के बाद तय कर दी गई है, जिसे महापौर परिषद् की बैठक में भी प्रस्तुत किया गया था। इस सेंटर डिवाइडर में आकर्षक विद्युत व्यवस्था के साथ-साथ जो ग्रीन बेल्ट विकसित होगा उसमें पानी देने की सुविधा भी रहेगी। अभी निगम टैंकरों की सहायता से इनमें पानी देता है। मगर एबी रोड के इन डिवाइडरों में टैंकरों से पानी देने की जरूरत नहीं रहेगी। आज-कल में वर्कऑर्डर जारी कर देंगे और सेंट्रल डिवाइडर का निर्माण दोनों ठेकेदार फर्मों से जल्द ही शुरू करवा दिया जाएगा।
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