
गांधी नगर से विजय नगर के बीच व्यावसायिक संचालक की प्रक्रियामें आई तेजी, एयरपोर्ट की ओर से अंडरग्राउंड रूट का काम भी मिट्टी परीक्षण के बाद अब जल्द होगा शुरू
इंदौर। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में उज्जैन, इंदौर, पीथमपुर (Ujjain, Indore, Pithampur) मेट्रो रूट (metro route) के लिए निर्णय हुआ। अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के माध्यम से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी। लगभग 9 लाख रुपए प्रति किलोमीटर की दर से यह कार्य होगा, जिसकी मंजूरी कैबिनेट ने दी है। हालांकि इसके पूर्व दिल्ली मेट्रो द्वारा ही इंदौर के वर्तमान मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ-साथ इंदौर-उज्जैन मेट्रो के लिए भी सर्वे कर डीपीआर तैयार की गई थी, जिसमें 10 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया।
एक तरफ इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट का एलिवेटेड कॉरिडोर गांधी नगर से रोबोट चौराहा तक पहले तैयार किया जा रहा है, जिसके पौने 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर व्यावसायिक संचालन भी पिछले दिनों शुरू कर दिया। हालांकि अभी यात्रियों का टोटा है, क्योंकि जब तक एयरपोर्ट से लेकर विजय नगर तक की कनेक्टिविटी नहीं मिलेगी, तब तक यात्रियों की संख्या भी नहीं बढ़ेगी। गांधी नगर से एयरपोर्ट के बीच का हिस्सा चूंकि अंडरग्राउंड रहेगा, उस पर भी काम शुरू हो गया है। एयरपोर्ट की तरफ से अंडरग्राउंड रूट बनना शुरू होगा। पिछले दिनों ठेकेदार फर्म ने मिट्टी परीक्षण के साथ अन्य प्रक्रिया पूरी की और अब जल्द ही विशालकाय टनल मशीनों के जरिए अंडरग्राउंड रूट का काम शुरू होगा। दूसरी तरफ से भी यह रूट रीगल तिराहा से बनना शुरू होगा, जिसके लिए मेट्रो कॉर्पोरेशन ने मैदानी सर्वे और मिट्टी परीक्षण की प्रक्रिया अभी जारी रखी है। इंदौर मेट्रो का पहला चरण 32 किलोमीटर का है तो अब मोहन सरकार द्वारा इंदौर-उज्जैन के साथ पीथमपुर को भी इसमें शामिल किया गया है, जिसके चलते अब नए सिरे से श्री महाकालेश्वर उज्जैन से लवकुश चौराहा तक और दूसरे चरण में लवकुश चौराहा से पीथमपुर तक मेट्रो चलाई जाएगी।
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