
इंदौर। डिजिटल अरेस्ट कर सीनियर सिटीजन से 46 लाख की ठगी में भी ठगों के तार दिल्ली से ही जुड़ रहे हैं। इसके पहले भी कई मामलों में पुलिस की जांच दिल्ली पर ही टिकी है। अब तक गिरोह का कोई सरगना पुलिस के हाथ नहीं लगा है, केवल खाताधारक ही पकड़े जा रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने 46 लाख की ठगी के मामले में कन्नौज (यूपी) के फहलान दारेन मदरसा समिति के अली एहमद और उसके बेटे असद को पकड़ा है। रिमांड के दौरान आरोपी ने बताया कि उसका ऑनलाइन संपर्क दिल्ली के व्यक्ति से हुआ था। पुलिस उस व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
इसके पहले एक डिजिटल अरेस्ट के मामले में साइबर सेल की जांच भी दिल्ली तक पहुंची थी। इसके अलावा उज्जैन में डिजिटल अरेस्ट कर दो करोड़ की ठगी की जांच भी दिल्ली तक पहुंचकर अटक गई थी। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि डिजिटल अरेस्ट करने वाले सभी देशी लोग हैं और विदेश के नंबरों से स्पूफ कॉलिंग कर लोगों को जाल में फंसाते हैं। इस मामले में भी मलेशिया के नंबर से कॉल आने की बात सामने आई है, लेकिन पुलिस को अंदेशा है कि विदेशी कोड के साथ यह कॉल इंडिया से ही क्रिएट किया गया था। अब तक पूरे देश में डिजिटल अरेस्ट गिरोह का कोई सरगना पुलिस के हाथ नहीं आया है। गुजरात पुलिस ने कुछ समय पहले अवश्य ताईवान के चार नागरिकों को पकड़ा था। इंदौर क्राइम ब्रांच डिजिटल अरेस्ट के तीन मामलों में गुजरात, तेलंगाना और अब यूपी के खाताधारकों तक ही पहुंच सकी है, जो कमीशन पर खाते उपलब्ध करवाते हैं।
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