
इंदौर। शहर के मांगलिया इलाके में आयुर्वेद चिकित्सा से सम्बंधित जिला आयुष अस्पताल की पूरी इमारत तो 7 करोड़ 42 लाख रुपए में बनकर तैयार हो गई, मगर भोपाल से नया बजट नहीं आने के कारण अस्पताल से सम्बंधित मेडिकल पलंग और फर्नीचर सहित इलाज के लिए जरूरी संसाधन नहीं जुट पा रहे हैं और न ही अधूरे पड़े अत्यंत जरूरी विकास कार्य शुरू हो पा रहे हैं। इस वजह से अस्पताल का लोकार्पण टलता जा रहा है।
आयुष विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग बनाने का काम हाउसिंग बोर्ड को दिया था। वह तो बनकर तैयार हो चुकी है, मगर बजट खत्म होने के कारण कई जरूरी विकास कार्य अटके पड़े हैं। मुख्य सड़क मार्ग से अस्पताल तक पहुंचने वाली लगभग 500 मीटर की एप्रोच रोड बनना बाकी है। इसके अलावा पास में बहने वाले नाले और अस्पताल के बीच में रिटर्निंग वाल (सुरक्षा दीवार) बनाई जाना है। इतना ही नहीं फायर सेफ्टी सिस्टम सम्बन्धित सभी विकास कार्य अटके पड़े हैं।
15 अगस्त तक लोकार्पण होना मुश्किल
सरकार के आयुष विभाग से सम्बंधित आयुर्वेद का यह जिला अस्पताल शुरुआत में सिर्फ 50 बिस्तर का बनाया गया है। पहले तो मई माह में ही इसके लोकार्पण की बात कही जा रही थी, मगर इमारत बनने के बावजूद धनराशि का नया बजट अटकने के चलते अभी इतने जरूरी विकास कार्य अधूरे पड़े हैं कि 15 अगस्त तक लोकार्पण होना भी मुश्किल नजर आ रहा है।
हास्पिटल के उपकरण आना बाकी
इससे इंदौर के 26 आयुष अस्पताल जुड़ने जा रहे हैं। नया बजट आने के बाद अधूरे पड़े विकास कार्यों के अलावा अस्पताल और मरीजों के इलाज से सम्बंधित सभी सुविधाएं, उपकरण, टेबल, कुर्सी, मेडिकल पलंग, जांच करने वाली मशीनों की व्यवस्था होना है। नया बजट मिलते ही सारी सुविधाएं जुटा ली जाएंगी। इस महीने तक यदि बजट मिल जाता है तो 15 अगस्त तक इसका लोकार्पण सम्भव हो सकता है।
गम्भीर मरीज यहां रैफर किए जाएंगे
आयुर्वेद का यह जिला अस्पताल बनने से शहर के मरीजों के अलावा पूर्वी शहर सहित इंदौर के आसपास में सालों से चल रहे सरकार के 26 आयुष औषधालयों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि यह जिला अस्पताल शुरू होने के बाद अन्य 26 औषधालय के गम्भीर मरीज यहां रैफर किए जा सकेंगे।
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