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अगले दो माह में इंदौर-भोपाल के मास्टर प्लान का प्रारुप होगा प्रकाशित

February 26, 2025

  • विभागीय मंत्री विजयवर्गीय ने किया दावा, फायर एक्ट भी तैयार, जल्द होगा लागू, एफएआर भी तीन से अधिक दिए जाने की इच्छा की जाहिर

इंदौर। ग्लोबल समिट में जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर-भोपाल मेट्रो पॉलीटन रीजन के गठन की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, वहीं नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने समिट में आयोजित अनलॉकिंग लैंड वेल्यूज इन सिटीज विषय पर आयोजित विभागीय सत्र में यह जानकारी दी कि इंदौर-भोपाल के मास्टर प्लान के प्रारुप का प्रकाशन मार्च-अप्रैल तक हो जाएगा। प्रदेश के अन्य बड़े शहरों के मास्टर प्लान पर भी तेजी से काम चल रहा है और मंत्री ने यह भी दावा किया कि यह अब तक के श्रेष्ठ मास्टर प्लान साबित होंगे। फायर एक्ट भी लगभग तैयार है। इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा। वहीं एफएआर बढ़ाने की मांग पर भी उन्होंने कहा कि वे तो तीन से अधिक एफएआर मिले, इसकी इच्छा रखते हैं।

इंदौर के मास्टर प्लान की प्रक्रिया भी पिछले कई सालों से चल रही है और 1 जनवरी 2008 को लागू किया गया मास्टर प्लान 31 दिसम्बर 2021 तक के लिए ही था, जो वर्तमान में भी लागू है। दरअसल, पहले 2035 तक और फिर उसके बाद 2045 तक के प्लान को बनाने की प्रक्रिया नगर तथा ग्राम निवेश ने शुरू की। उसके बाद फिर मेट्रो पॉलिटन रीजन की चर्चा शुरू हो गई और मुख्यमंत्री की मंशा है कि भोपाल और इंदौर मेट्रो पॉलिटन रीजन जल्द अस्तित्व में आ जाए, क्योंकि भोपाल का मास्टर प्लान भी पिछले 20 सालों से लम्बित पड़ा है और चार बार उसका प्रारुप प्रकाशित होने के बाद निरस्त करना पड़ा। अब विभागीय मंत्री श्री विजयवर्गीय के दावे के मुताबिक अगले दो माह में इंदौर-भोपाल के मास्टर प्लान का प्रारुप प्रकाशित हो सकता है। दरअसल, मास्टर प्लान को लागू करने की प्रक्रिया काफी जटील है।


प्रारुप प्रकाशन के बाद दावे-आपत्तियां आमंत्रित करने, उसकी सुनवाई के बाद शासन को उसे भेजने के बाद फिर शासन स्तर पर भी सुनवाई की जाती है और उसके बाद फिर मास्टर प्लान को अमल में लाया जा सकता है। हालांकि इसके बीच में कोर्ट-कचहरी की जटीलताएं भी शामिल रहती है। नगर तथा ग्राम निवेश ने इंदौर के मास्टर प्लान की तैयारियां तो लगभग पूरी कर ली हैं। शासन आदेश का इंतजार है और उसके बाद प्लान को अंतिम रूप देकर प्रारुप का प्रकाशन किया जा सकता है। बावजूद इसके शासन स्तर पर कितनी भी प्रक्रिया को आसान या जल्द किया जाए, बावजूद इसके डेढ़ से दो साल का समय प्लान को लागू करने में लग ही जाएगा। चूंकि मुख्यमंत्री इंदौर-भोपाल को मेट्रो पॉलिटन यानी महानगरों की तर्ज पर विकसित करना चाहते हैं, जिसके चलते इंदौर के साथ देवास, धार, उज्जैन और शाजापुर के भी कुछ गांवों को इसमें शामिल किया गया है। हालांकि मेट्रो पॉलिटन रीजन के पूर्व भी भी मास्टर प्लान का प्रारुप प्रकाशित हो सकता है। वहीं प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने भी क्रेडाई के साथ विचार-विमर्श कर रियल इस्टेट, मास्टर प्लान के संबंध में सुझाव लेने की बात कही है। शासन ने फायर एक्ट भी तैयार कर लिया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा। कल समिट में भी एफएआर, पार्किंग एरिया, स्मार्ट सिटी, फ्री होल्ड, भवन की ऊंचाई, अधिग्रहण से लेकर अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।

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