
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) की टैरिफ नीतियों (Tariff policies.) का भारत (India) पर असर नजर आने लगा है। हाल ही में सामने आए कुछ आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। इसके मुताबिक अमेरिका (America) को भारत का निर्यात घट गया है। हालांकि अमेरिका अब भी भारत का नंबर-1 एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है। बता दें कि अमेरिका ने भारत पर पहले 25 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद रूसी तेल की खरीद का हवाला देते हुए अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इस तरह अमेरिका 27 अगस्त से भारत से आयातित उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ वसूल रहा है।
हाल ही में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में भारत का अमेरिका को निर्यात महीने-दर-महीने आधार पर लगभग 14 प्रतिशत घटकर 6.86 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। वहीं जुलाई में अमेरिका को भारतीय निर्यात 8 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। हालांकि अगस्त और मौजूदा वित्त वर्ष के पांच महीनों में अमेरिका भारतीय वस्तुओं के लिए शीर्ष निर्यात गंतव्य बना रहा। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका के बाद संयुक्त अरब अमीरात (3.24 बिलियन अमरीकी डॉलर), नीदरलैंड (1.83 बिलियन अमरीकी डॉलर), चीन (1.21 बिलियन अमरीकी डॉलर) और यूके (1.14 बिलियन अमरीकी डॉलर) भारत के निर्यात के शीर्ष गंतव्यों में शामिल रहे।
बता दें कि भारत अमेरिका को रत्न और आभूषण, दवा, ऊर्जा उत्पाद, परिधान, झींगा, चमड़ा व जूते चप्पल, पशु उत्पाद, विद्युत एवं यांत्रिक मशीनरी जैसी चीजें सबसे अधिक निर्यात करता है। ऐसे में इन सेक्टर्स पर सबसे अधिक मार पड़ी है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक अमेरिका को भारत से निर्यात किए जाने वाले लगभग 48.2 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापारिक उत्पादों पर ट्रंप के अतिरिक्त शुल्क का असर पड़ रहा है।
अन्य बाजारों की तलाश
इस बीच भारत सरकार भारतीय उत्पादों के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश में जुट गई है। बीते महीने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने बताया था कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और नुकसान को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार यूरोप, लैटिन अमेरिका और अन्य बाजारों में निर्यात बढ़ाने की रणनीति बना रही है, ताकि अमेरिकी बाजारों पर निर्भरता कम हो। वहीं जीएसटी स्लैबों में बदलाव कर घरेलू मांग बढ़ाने की कोशिश भी की गई है।
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