
नई दिल्ली. दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे (Apache helicopters) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत में इजाफा करेगा। बोइंग कंपनी (boeing company) द्वारा निर्मित हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारत (India) आ गई है। भारतीय सेना ने बताया कि अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर की पहली डिलीवरी हो गई है। भारतीय सेना इन हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में तैनात करेगी। आइए जानते हैं क्या है अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खासियत…।
क्या है अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर
अपाचे दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। यह एक नाइट विजन एयरक्राफ्ट है। अमेरिकी रक्षा दिग्गज कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित यह हेलीकॉप्टर आधुनिक संचार, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणाली से लैस है। यह एक नाइट विजन एयरक्राफ्ट है। साथ ही पायलटों को दिन और रात दोनों स्थितियों में लक्ष्यों की पहचान करने और उन पर हमला करने में मदद करता है। इसके जरिये बारिश, धूल या कोहरे के कारण खराब दृश्यता में भी हमला किया जा सकता है।
बोइंग के मुताबिक अपाचे 21 हजार फीट की ऊंचाई तक 280 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसमें 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल छोड़ने की क्षमता है। इसमें 30 मिलीमीटर की दो गन हैं, जिनमें एक बार में 1,200 गोलियां भरी जाती हैं। अपाचे में 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल लगी होती हैं। हेलफायर मिसाइल किसी भी आर्मर्ड व्हीकल जैसे टैंक, तोप, बीएमपी वाहनों को पल भर में उड़ा सकती है।
2015 में हुआ था समझौता
भारत ने 2015 के एक समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के लिए 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे। इसके बाद फरवरी 2020 में भारत ने बोइंग से 60 करोड़ डॉलर के सौदे में छह AH-64E अपाचे की खरीद को मंजूरी दी थी। अब भारत को मिले अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की एविएशन कोर के लिए हैं। अपाचे वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, इस्राइल, मिस्र जैसे देशों की सेनाओं में इस्तेमाल किए जाते हैं।
दुश्मन का राडार भी पकड़ नहीं सकता
अपाचे स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से आने वाले किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम है। इस हेलीकॉप्टर को दुश्मनों का रडार भी आसानी से पकड़ नहीं पाता है। जिसका प्रमुख कारण हेलीकॉप्टर की सेमी स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता है। इसमें अत्याधुनिक लांगबो रडार लगा हुआ है जिससे यह नौसेना के लिए भी मददगार साबित होगा।
वायुसेना और थलसेना दोनों का मददगार
युद्ध के मैदान में अपाचे हेलीकॉप्टर न केवल वायुसेना बल्कि थलसेना का भी मददगार है। यह युद्ध में आर्मी स्ट्राइक कोर के हमले को एविएशन कवर देते हुए उसे और खतरनाक बनाएगा। इसमें दो पायलट एक के पीछे एक बैठते हैं। दो पायलट के साथ अपाचे दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम है। एक पायलट हेलीकाप्टर ऑपरेट करता है, जबकि पीछे बैठा को-पॉयलट टारगेट को लोकेट करता हुआ सिस्टम यानी वैपन एंड इंक्यूपमेंट्स को कंट्रोल और ऑपरेट करता है।
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