
उज्जैन। एक वृद्ध महिला और एक बच्चे की कल जान पर बन आई जब अलग-अलग कारणों से उनके फेफड़े अवरुद्ध हो गए और श्वास लेने में परेशानी होने लगी। आपात सर्जरी कर उनकी जान बचा ली गई।
एक 65 वर्षीय महिला के के गले में भोजन करते वक्त मछली का कांटा चला गया था। महिला को गले में तीव्र दर्द हो रहा था। वह नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र बंसल के पास पहुंचीं। एक्सरे में पाया गया कि कांटा आहारनली में फँसा हुआ है। संजीवनी अस्पताल में तुरंत दूरबीन ओसोफेगस्कॉपी पद्धति से फंसे हुए कांटे को निकाला गया। एक अन्य घटना एक 9 वर्षीय बालक के साथ घटी जिसमें प्लास्टिक की सीटी बजाते हुए अचानक श्वास के साथ वो सीटी उसकी श्वास नली में चली गई जिससे उसे घबराहट व श्वास लेने में तकलीफ होने लगी। ऑक्सीजन स्तर 80 प्रतिशत तक गिर गया था। श्वास के साथ सिटी बज रही थी। डॉ. बंसल ने निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. तपन शर्मा को साथ लेकर तुरंत दूरबीन पद्धति (ब्रोन्कोस्कॉपी) द्वारा उस सीटी को निकाला। कुछ समय में ही बच्चे का ऑक्सीजन 98 प्रतिशत हो गया। इस तरह की सर्जरी किए जाने की चर्चा बनी हुई है और महिला के लिए यह गंभीर स्थिति हो गई थी लेकिन डॉक्टरों ने कुशलता से कार्य करते हुए ऑपरेशन किया जो सफल रहा। आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन सफल नहीं होते हैं और जोखिम बना रहता है। उज्जैन में भी अब चिकित्सा सेवाएँ बेहतर हो गई हैं।
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