
नई दिल्ली। पूर्व राजनयिक विकास स्वरूप (Vikas Swarup) ने भारत और कनाडा (India-Canada) की ओर से एक-दूसरे के देश नए उच्चायुक्त नियुक्त (High Commissioner Appointed) किए जाने को एक ‘सकारात्मक कदम’ बताया। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच जमी बर्फ अब पिघलने लगी है। स्वरूप ने कहा, मुझे लगता है कि यह बहुत ही सकारात्मक कदम है। यह वास्तव में पहला संकेत है कि संबंधों में थोड़ी गर्मजोशी लौट रही है। यह तब शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने जी-7 सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की। मुझे लगता है कि दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई।
उन्होंने आगे कहा, हम अभी भी कनाडा में सक्रिय कुछ भारत-विरोधी संगठनों को लेकर चिंतित हैं। लेकिन अब कनाडा सरकार हमारी चिंताओं को लेकर पहले से ज्यादा संवेदनशील दिख रही है और आगे बढ़ने को तैयार है। वैसे भी ट्रंप की व्यापार नीति के चलते कनाडा काफी प्रभावित हुआ था, इसलिए उन्हें भी अब विकल्पों की जरूरत है। स्वरूप ने कहा, एक बार दोनों देशों के नए उच्चायुक्त अपने-अपने पदों पर कार्यभार संभाल लें, तो व्यापार वार्ता और आपसी सहयोग के अन्य पहलुओं को फिर से शुरू किया जा सकता है।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भारत के लिए नए उच्चायुक्त की नियुक्ति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कनाडा और भारत के बीच राजनयिक संवाद को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है। अनीता आनंद ने एक्स पर लिखा, नए उच्चायुक्त की नियुक्ति भारत के साथ सहयोग और राजनयिक संवाद को आगे बढ़ाने की हमारी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने इस कदम को ‘महत्वपूर्ण’ बताते हुए कहा, ‘यह न सिर्फ भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि कनाडा के नागरिकों के लिए सेवाएं बहाल करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।’
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