
सरकार के कारण ही समस्याओं से ग्रस्त है इंदौर
इंदौर। कांग्रेस (Congress) प्रदेश अध्यक्ष (State President) जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) ने मुख्यमंत्री (CM) द्वारा इंदौर (Indore) में कैबिनेट (cabinet) बैठक बुलाए जाने का स्वागत तो किया, लेकिन तंज कसते हुए कहा कि जिस शहर को यह मान दिया जा रहा है उस शहर का विकास जहां सरकार के कारण रुका हुआ है, वहीं समस्याएं भी यथावत हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाए जाने के ख्वाब देखे जा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इंदौर का मास्टर प्लान ही रुका पड़ा है। जब छोटे-छोटे निर्णय सरकार द्वारा लटकाए जा रहे हैं तो समस्याओं का निराकरण कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इंदौर में मेट्रो की घोषणा तो हो गई, लेकिन मेट्रो के रूट को लेकर मंत्री से लेकर अधिकारियों तक के बीच में तालमेल नहीं बन रहा है। वहीं पूर्व सांसद भी रोड़े अटका रही हैं। जिस समय मेट्रो को अंतिम रूप दिया जा रहा था, तब भी भाजपा की सरकार थी, तब कोई भी नेता दिमाग लगाने नहीं आया। अब जनता की नाराजगी दूर करने का थोथा प्रयास करते नेता मेट्रो को लेकर नए-नए सुझाव ला रहे हैं। शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक को लेकर है और अभी तक सरकार ने यातायात सुधार को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया। मास्टर प्लान की चौड़ाई के हिसाब से रोड चौड़ी करने के लिए कई लोगों के मकान जमींदोज कर दिए गए, उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया और वे सारी सडक़ें पार्किंग और अतिक्रमण स्थल बनकर रह गईं। निगम द्वारा टैक्स वसूली के कीर्तिमान बनाए जा रहे हैं, लेकिन जनता की सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार ने सनक में आकर रजिस्ट्री के लिए नया संपदा पोर्टल चालू कर दिया और हालत यह है कि आधा समय पोर्टल बंद रहता है, जबकि सर्वाधिक राजस्व सरकार द्वारा पंजीयन से ही एकत्रित किया जाता है। ऐसी कई समस्याओं से सराबोर इंदौर की कैबिनेट बैठक में यदि सरकार शहरहित में कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले तो बैठक की कामयाबी है, वरना यह स्थान परिवर्तन मात्र तफरीह बनकर रह जाएगा।