
इंदौर। केन्द्र व प्रदेश सरकार की ओर से छोटे बच्चों से लेकर कॉलेज में पढऩे वाले अभावग्रस्त और वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए कई आश्रम और होस्टल संचालित किए जा रहे हैं, जहां उनके न केवल भोजन के लिए पर्याप्त पैसे दिए जाते हैं, बल्कि पाकेट मनी भी दी जाती है, लेकिन होस्टलों में विद्यार्थियों की दुर्दशा को देखते हुए भोपाल से 13 सीनियर आईएएस को अलग-अलग जिलो के होस्टलों पर निगरानी के लिए तैनात किया जा रहा है। इनमेें इंदौर सहित तीन अन्य जिलों में पूर्व कलेक्टर पी. नरहरि निगाह रखेंगे।
इन श्रेणियां के होस्टल प्रदेश के सभी जिलों में
केंद्र सरकार की ओर से एकलव्य और गुरुकुलम स्कूल एवं होस्टल संभाग स्तर पर संचालित हो रहे हैं, वहीं राज्य सरकार की ओर से खेल परिसर, ज्ञानोदय, श्रमोदय के तहत स्कूल एवं आवास सुविधा विद्यार्थियों को उपलब्ध होती हैं। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के लिए सुभाष और छात्राओं के लिए कस्तूरबा छात्रावास के अलावा ओबीसी विद्यार्थियों के लिए अलग से होस्टल सुविधा दी हुई है, साथ ही कॉलेज में पढऩे वाले सीनियर विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग कैटेगरी के छात्रावास संचालित हो रहे हैं।
भोजन के लिए प्रति छात्र 1300 रुपए
अलग-अलग कैटेगरी के छात्रावास और होस्टल में विद्यार्थियों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हर छात्र के लिए अलग-अलग राशि दी जाती है। इनमें जूनियर विद्यार्थियों के लिए तकरीबन 1300 रुपए प्रति छात्र भोजन के लिए सरकार की ओर से दिए जाते हैं, वहीं प्रत्येक छात्र को दस फीसदी राशि पाकेट मनी के रूप में उनके खाते में अलग से भेजी जाती है।
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