
नई दिल्ली । उत्तराखंड (Uttarakhand) में बीजेपी (BJP) के विधायक दल ने पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को नया नेता चुना है।वे प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। संवैधानिक संकट के चलते तीरथ सिंह रावत (Teerath Singh Rawat) के इस्तीफा देने से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का पद रिक्त होने जा रहा है। इसको लेकर बीजेपी में तीन दिनों से जारी घटनाक्रम को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस (Congress) नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा कि ”भाजपा के मुख्यमंत्री चयन का सीन नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ। कुछ लोगों के लिए अंगूर हमेशा-हमेशा के लिए खट्टे हो गए हैं।”(‘The grapes turned sour forever!’) रावत ने अपने इस बयान से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर निशाना साधा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद के लिए सतपाल महाराज, धनखड़ सिंह, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसे कई नेता दावेदार बताए जा रहे थे, जबकि पुष्कर सिंह धामी सीएम बनाए जाएंगे, जिनका कि कोई जिक्र नहीं हो कहा था।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट किया कि ”भाजपा के मुख्यमंत्री चयन का सीन नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ। कुछ लोगों के लिए अंगूर हमेशा-हमेशा के लिए खट्टे हो गए हैं। खुशी है एक किसान के बेटे पुष्कर सिंह धामी जी राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं, उनको बहुत-बहुत बधाई। आज शुभकामना देने का दिन है। कल मैं इस सारे घटनाक्रम की राजनैतिक चीर-फाड़ करूंगा, मगर आज केवल-केवल पुष्कर धामी जी को बधाई देता हूं, उनके जीवन में यह बड़ा क्षण है।”
इससे पहले हरीश रावत ने कहा कि ”तीरथ सिंह जी को लेकर भाजपा नेतृत्व ने पहले से ही गंभीरता नहीं दिखाई। भाजपा के अन्दर जो क़ानूनी विशेषज्ञ हैं, किसी ने तो इस बात को इंगित किया होता कि मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ना ज़रूरी है।”
हरीश रावत ने शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत के सीएम पद से इस्तीफे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था. हरीश रावत ने तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि बीजेपी ने अपने दो नेताओं की हास्यास्पद हालत बना दी। हरीश रावत ने ट्वीट किया था कि 2017 में सत्तारूढ़ हुई उत्तराखंड भाजपा ने अपने दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद बना दी है, दोनों भले आदमी हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत जी को बजट सत्र के बीच में बदलने का निर्णय ले लिया, जबकि वित्त विभाग भी उन्हीं के पास था. बजट पर चर्चा और बहस का जवाब उन्हीं को देना था. बजट उन्हीं को पारित करवाना था।
हरीश रावत ने कहा था कि सब हबड़-तबड़ में बजट भी पास हुआ और त्रिवेन्द्र सिंह जी की विदाई भी हो गई और उतने भले ही आदमी तीरथ सिंह रावत जी मुख्यमंत्री बने और तीरथ सिंह जी की स्थिति कुछ उनके बयानों ने और जितनी रही-सही कसर थी, वो भाजपा के शीर्ष द्वारा उनके चुनाव लड़ने के प्रश्न पर निर्णय न लेने कारण हास्यास्पद बन गई, वो मजाक के पात्र बनकर रह गए।
रावत ने कहा था कि लोग कह रहे हैं कि हमारे मुख्यमंत्री को जब इसी बात ज्ञान नहीं था कि उनको कब चुनाव लड़कर के विधानसभा पहुंचना है तो, ये व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा?
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