
उज्जैन। एक होटल व्यवसायी को सट्टे के केस में फँसाने की धमकी देकर सायबर सेल का प्रधान आरक्षक रिश्वत माँग रहा था और कल 10 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने कहा कि सायबर सेल में वर्षों से जमें पुलिस कर्मियों को हटाया जाएगा। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि पुलिस द्वारा कई लोगों से माह बंधी ली जाती है और कई जगह गोपनीय रूप से सट्टे चल रहे हैं। लोकायुक्त डीएसपी बसंत श्रीवास्तव ने कल शास्त्रीनगर निवासी होटल संचालक देवेश अष्ठाना की शिकायत पर शास्त्रीनगर में निगरानी बैठाई और रिश्वत लेने आए सायबर सेल के प्रधान आरक्षक प्रवीणसिंह चौहान को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ लिया। डीएसपी श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त प्रधान आरक्षक प्रवीण चौहान ने देवेश को सट्टे के केस में फँसाने की धमकी देकर 50 हजार रुपए की माँग की थी लेकिन उसने असमर्थता जताई तो उसने राशि कम कर दी और 10 हजार रुपए देने को कहा।
इस पर उसने लोकायुक्त को शिकायत कर दी। कल लोकायुक्त की टीम शास्त्रीनगर गार्डन में पेड़ समीप सादे कपड़ों में आम लोगों की तरह जाकर खड़ी हो गई। इसी दौरान प्रधान आरक्षक प्रवीण चौहान बाईक से वहाँ पहुँचा और उसने पहले पूरे मैदान का चक्कर लगाया और फिर हनुमान मंदिर के समीप खड़े होकर होटल संचालक को फोन लगाकर वहाँ बुलाया। इसके कुछ देर बाद ही होटल संचालक अष्ठाना वहाँ पहुँच गया और उसने जैसे ही प्रवीण चौहान को 10 हजार रुपए दिए, उसी दौरान लोकायुक्त के दल ने उसे दबोच लिया। पता चला है कि कुछ साल पहले होटल संचालक का दोस्त जुआ खेलते हुए पकड़ाया था और उसे छुड़ाने के लिए देवेश ने प्रधान आरक्षक से संपर्क किया था। उसके बाद से लगातार प्रधान आरक्षक उस पर दबाव बनाए जा रहा था। आरोपी को रंगेहाथों पकडऩे के बाद उसकी संपत्ति की जाँच शुरू कर दी गई है। इधर सूचना मिलने के बाद एसपी ने उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया है। एसपी ने कहा कि सायबर सेल की लगातार शिकायत मिल रही हैं और यहाँ पर पुलिसकर्मी वर्षों से जमे हुए हैं जो भ्रष्टाचार करने से नहीं चूक रहे हैं। यह मामला उजागर होने के बाद सायबर सेल के पूरे स्टॉफ को बदला जाएगा और यहाँ पर नये पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया जाएगा। पूर्व में भी इस तरह की कई शिकायत मिल चुकी हैं।
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