
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज के महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश नियमों के क्रियान्वयन की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस बयान पर संज्ञान लिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दायर की जा चुकी है। कोर्ट ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने को कहा। दरअसल, 29 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने वकील विशाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत समानता व जीवन के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इन दलीलों पर गौर किया कि न्यायिक जांच शुरू की गई है।
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