
प्राधिकरण के स्टार्टअप और कन्वेंशन सेंटर के साथ हुकुमचंद मिल प्रोजेक्ट बनेगा देश के लिए मॉडल
शहर में फ्यूचर रेडी सिस्टम अपनाया जाएगा
इंदौर। एक बार फिर इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया (Indore metropolitan area) में संशोधन किया गया है। मुख्यमंत्री (CM) डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि 9981 वर्ग किलोमीटर की बजाय अब 14 हजार वर्ग किलोमीटर का एरिया मेट्रोपॉलिटन रीजन में आएगा। यानी अब 4011 वर्ग किलोमीटर का एरिया और बढ़ गया है और इसका एक बड़ा मकसद दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से भी इंदौर सहित अन्य शहरों की कनेक्टिविटी आसान करना है।
भविष्य को देखते हुए इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया को बढ़ाने का निर्णय मुख्यमंत्री ने लिया, जिसमें इंदौर जिला तो शत-प्रतिशत शामिल किया ही है, वहीं उज्जैन, देवास, धार, रतलाम, नागदा, बदनावर, शाजापुर, मक्सी को भी जोडक़र अब 14 हजार वर्ग किलोमीटर में मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित करने का निर्णय लिया। इससे इस क्षेत्र में 5 से अधिक बड़े रेलवे जंक्शन, एक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, उज्जैन और रतलाम के भविष्य के एयरपोर्ट, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को आधार बनाने से आने वाले समय में व्यापार, उद्योग, पर्यटन के साथ आईटी हब भी इंदौर बनेगा। स्मार्ट इंदौर, आईटी, सीसीटीवी से भी लैस होगा और 13690 स्थानों पर लगभग 60 हजार कैमरे लगाए जाएंगे। इसकी एकीकृत कंट्रोल रूम के माध्यम से भी मानिटरींग होगी। बैठक में पीएम ई-सेवा बस संचालन पर भी चर्चा हुई, जिसके तहत 270 ई-बसें अगले मार्च माह से शहर में चलना शुरू हो जाएंगी। बैठक में मास्टर प्लान की सडक़ों के निर्माण को गति देने के लिए निर्णय लिया गया ।
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