
दमोह। मध्यप्रदेश में दमोह जिले में धर्मांतरण मामला लगातार गर्माता जा रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रशासन के खिलाफ लोगों को आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली और आरोपियों व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अस्पताल चौराहे पर पुतला फूंका।
बता दें कि 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृहों का दौरा किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने आधार शिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ. अजय लाल सहित 10 लोगों के खिलाफ देहात थाना में धर्मांतरण की एफआईआर दर्ज करवाई थी। एक अलग मामले में 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में अजय लाल सहित सभी आरोपी फरार हैं।
हिंदू जागरण मंच के नित्या प्यासी ने बताया कि मिशनरी संस्थान के जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उन्हें अभी तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। हिंदू संगठन के लोगों का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर आरोपियों को संरक्षण दे रहा है और गिरफ्तारी नहीं हो रही है। अब तो आरोपी संस्थानों में काम करने वाले गैर इसाइयों पर दबाव बनाकर ज्ञापनबाजी करवा रहे हैं।
ताकि प्रशासन आरोपियों के खिलाफ नरम रवैया अपनाए। गौरतलब है कि दो अलग-अलग धर्मांतरण से जुड़े मामलों में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन पुलिस ने अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। इसी पर आक्रोश जताते हुए लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मांग है कि तत्काल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने कर्मचारियों के ज्ञापन पर किया ट्वीट
दमोह में धर्मांतरण के मामले में मंगलवार को गैर ईसाई कर्मचारियों ने केंद्रीय मंत्री और दमोह एसपी को ज्ञापन सौंपा था। इस पर बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट करते हुए लिखा है की बच्चों के अधिकारों के हनन करने वाले अपराधियों के समर्थन में बिना शासकीय अनुमति प्रदर्शन, जुलूस आयोजित करने वाले व शामिल होने वालों के विरुद्ध दमोह कलेक्टर और दमोह एसपी को कार्रवाई करनी होगी।
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