जयपुर। देश के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण (Great Indian Bustard) की सुरक्षा को लेकर 19 दिसंबर को अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने गोडावण पक्षी (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) को लेकर लक्ष्मण रेखा खींच दीं। कोर्ट ने साफ किया है कि गोडावण के संरक्षण वाले 14,032 वर्ग किलोमीटर ‘प्रायोरिटी एरिया’ को पूरी तरह से संरक्षित किया जाएगा। इस क्षेत्र में दो मेगावाट से बड़े सोलर और विंड प्रोजेक्ट नहीं लग सकेंगे, और सभी ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनें भूमिगत करनी होंगी। इस आदेश से कई कंपनियों के बड़े प्रोजेक्ट्स पर रोक लग जाएगी, जबकि जिन ट्रांसमिशन लाइनों के काम जारी हैं, उन्हें बीच में ही रोकना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने जिस गोडावण के लिए अहम फैसला सुनाया!
राजस्थान में कितने बचे हैं गोडावण पक्षी?
राजस्थान में गोडावण की स्थिति वर्तमान में अत्यंत चिंताजनक है। विशेषज्ञों के आंकड़ों के अनुसार, अब राज्य में मात्र 150 से 175 गोडावण ही शेष रह गए हैं। इनमें से अधिकांश पक्षी जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आसपास के इलाकों में पाए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने इसे ‘अति संकटग्रस्त’ श्रेणी में रखा है, जिसका सीधा अर्थ है कि यह पक्षी विलुप्त होने की कगार पर खड़ा है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड: नर के सिर पर बड़ा काला ‘ताज’
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को उसके माथे पर काले ‘ताज’ से आसानी से पहचाना जा सकता है, जो उसकी हल्की गर्दन और सिर से अलग दिखता है। शरीर भूरा होता है और पंखों पर काले, भूरे और ग्रे रंग के निशान होते हैं। नर और मादा आमतौर पर एक ही ऊंचाई और वजन के होते हैं, लेकिन नर के सिर पर बड़ा काला ताज और छाती पर एक काली पट्टी होती है।
15 से 18 किलो तक होता है ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का वजन
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के नाम से जाने वाले गोडावण पक्षी की हाइड 100 सेंटीमीटर से 1 मीटर तक हो सकती है। जबकि लंबाई पंखों के फैलाव से 210-250 सेंटीमीटर तक होती है। बात करें वजह तो एक गोडावण का वजह 15 से 18 किलोग्राम तक होता है।
मानसून के मौसम में प्रजनन
गोडावण पक्षी ज्यादातर मानसून के मौसम में प्रजनन करते हैं, जब मादा खुले मैदान में एक अंडा देती है। नर में एक गलपुटी होती है, जो मादाओं को आकर्षित करने के लिए एक गूंजने वाली तेज आवाज निकालने में मदद करती है। इसे 500 मीटर की दूरी तक सुना जा सकता है।
गोडावण पक्षी क्या खाते हैं?
गोडावण अवसरवादी भोजन करने वाले पक्षी हैं। उनके आहार में घास के बीज, टिड्डे, भृंग जैसे कीड़े शामिल होते हैं। इसके अलावा वे कभी-कभी छोटे कृंतक और सरीसृप भी खाते हैं। भोजन की उपलब्धता मौसम के अनुसार बदलती रहती है।
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