img-fluid

48 साल का मोहब्बत और भरोसे का सफर अनवरत जारी…

May 23, 2025


इंदौर, राजेश ज्वेल
48 साल (48 years) की उम्र वैसे परिपक्वता की मानी जाती है और अग्रिबाण (Agniban) जैसे समाचार ने अपने शैशवकाल से लेकर जवानी और फिर अभी तक समाचारों से लेकर पाठकों (Readers) के बीच लोकप्रिय खरी-खरी में पत्रकारिता की परिपक्वता ही दिखाई है, जिसे आज भी हर पाठक महसूस करता है। यही कारण है कि मोहब्बत और भरोसे का यह सफर अनवरत जारी है और अभी कई मंजिलें तय की जाना हैं। एक ऐसे वक्त में, जब विश्वसनीयता और सच पर तमाम सवाल खड़े किए जाते हैं और पत्रकारिता की साख को न्यूज चैनलों ने जिस तरह रसातल में पहुंचाया है, उसके बाद प्रिंट मीडिया की ताकत को और अधिक शिद्दत से महसूस किया जाने लगा है। न्यूज चैनलों की चकाचौंध और ग्लैमर कुछ ही समय रहा और धीरे-धीरे उसमें व्याप्त नकलीपन और उससे भी बढक़र अविश्वसनीय खबरों के प्रसारण के चलते अब स्थिति यह हो गई है कि अधिकांश लोगों ने न्यूज चैनलों को देखना ही बंद कर दिया है।


अभी कुछ समय पूर्व ही कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया और 26 बेकसूर पर्यटकों को मार दिया, जिसका बदला हमारी जांबाज भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लिया और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, मगर इसको लेकर न्यूज चैनलों ने जिस तरह की मूर्खतापूर्ण रिपोर्टिंग की उसकी देशभर में तो आलोचना हुई ही, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खिल्ली उड़ी। न्यूज चैनलों ने अपने स्टूडियो को वॉर रूम में बदलकर मनगढ़ंत खबरें दिखाईं और ईरान-इराक युद्ध से लेकर इजराइल, गाजा, अफगानिस्तान के पुराने युद्धों के वीडियो का इस्तेमाल तक कर डाला, जिसकी पोल तुरंत ही खुल भी गई और कुछ न्यूज चैनलों को माफी मांगना पड़ी और भारत सरकार को भी इन चैनलों को दो टूक चेतावनी देना पड़ी कि इस तरह का प्रसारण बंद करें। हालांकि सरकार की गाइड लाइन का भी इन चैनलों ने कोई पालन नहीं किया और अपना भोंडा प्रदर्शन लगातार जारी रखा। यही कारण है कि न्यूज चैनलों को सिर्फ दक्षिण भारत की मसाला फिल्मों की तरह ही दर्शक देखते हैं और समझदार, पढ़े-लिखे दर्शकों ने तो दूरी बना ली और अब यूट्यूब तथा निजी पोर्टल पर आने वाली खबरें अधिक भरोसेमंद मानी जाती हैं। इसी के साथ देश के प्रिंट मीडिया, यानी अखबारों ने अवश्य भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के मद्देनजर मैदानी रिपोर्टिंग की और काफी हद तक सही प्रस्तुतिकरण किया। बात अगर अग्रिबाण की की जाए तो शाम के अखबारों का यह सिरमौर विगत कई वर्षों से इसीलिए बना हुआ है, क्योंकि विश्वसनीयता को ही सबसे आगे रखा गया है। अग्रिबाण की पूरी टीम पूरी जद्दोजहद के साथ जहां समाचारों को जुटाने और अत्यंत कम समय में पाठकों तक पहुंचाने में जुटी रहती है, वहीं उसके साथ यह भी प्रयास रहते हैं कि जो भरोसा और विश्वास पाठकों ने रखा है वह कहीं खंडित न हो जाए। अगर कुछ मौकों पर थोड़ी-बहुत त्रुटि हो भी जाती है तो उसे तुरंत ही बेहतर और बदले हुए स्वरूप में दुरुस्त भी कर लिया जाता है। 48 साल के अग्रिबाण का प्रकाशन निरंतर हो रहा है और आज वह 49वें साल में प्रवेश कर रहा है। एक समाचार-पत्र के लिए यह एक लंबा कालखंड होता है, जिसमें उसे समाज हर तरह की कसौटी पर कसता है और हमें इस बात को कहने में गर्व भी महसूस होता है कि अग्रिबाण ने पाठकों का भरोसा कभी भी नहीं टूटने दिया और यही कारण है कि आज भी दोपहर 12 बजे के बाद से पूरे शहर को अग्रिबाण की तलब लगने लगती है। चाहे पान की दुकान हो या चाय का ठीया अथवा छोटी-बड़ी दुकानें, शोरूम, होटल, मॉल, एयरपोर्ट से लेकर पाठकों के घरों तक अग्रिबाण की दस्तक उसी तरह हो रही है और उसमें किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा है। शहर का विस्तार तेजी से हो रहा है और अब पाठकों तक समय पर अखबार पहुंचाना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। मगर हॉकरों की टीम भी उसी विश्वास के साथ जुटी रहती है। आज भी सुबह के तमाम बड़े अखबारों के लिए अग्रिबाण की खबरें गाइड का काम करती हैं और ऐसी तमाम खबरें पाठक अग्रिबाण में पहले पढ़ लेते हैं, जो अगले दिन अथवा कुछ दिनों बाद सुबह के बड़े अखबारों में एक्सक्लूसिव, ब्रेकिंग या अन्य टैगलाइनों के साथ प्रमुखता से प्रकाशित की जाती हैं। अग्रिबाण के लिए आज भी खबर सबसे पहले है और संबंध बाद में। हम न झुकते हैं और न किसी से दबते हैं और बेबाकी से पत्रकारिता को मिशन समझकर काम कर रहे हैं। यह सफर इसी तरह अनवरत जारी रहेगा, यह भरोसा पाठकों को एक बार फिर दिलाते हैं। जय हिंद!

Share:

  • दो शादीशुदा मर्दों की घिनौनी करतूत, छात्रा को खींचकर ले गए सुनसान जगह… फिर रात भर करते रहे ये काम

    Fri May 23 , 2025
    बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 12वीं में पढ़ने वाली छात्रा को छोटी सी बात के लिए मां ने डांट दिया. वो मां से इस कदर नाराज हुई कि घर छोड़कर चली गई. रास्ते में दो युवकों ने उसे देखा तो दबोचकर खेत ले गए. वहां पूरी रात छात्रा से गैंगरेप किया. फिर अगले दिन […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved