
मुंबई। महाराष्ट्र के विधान मंडल के शीतकालीन अधिवेशन में सरकार ने 75,286 पूरक मांगे पेश की हैं। यह राज्य के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी पूरक मांग है, इससे पहले जून 2024 में 94,889 करोड़ रुपए की पूरक मांगों को मंजूरी दी गई थी।
बाढ़ प्रभावित किसानों को सहायता के लिए सबसे अधिक 15,648 करोड़ रुपए की मांग की गई है। साथ ही लाडली बहन 6103 करोड़ और कुंभ मेले के लिए 3000 करोड़ की निधि की मांग की गई है। पूरक मांगों पर 11 और 12 दिसंबर को सभागृह में चर्चा होगी। 2024 में 35000 करोड़ की पूरक मांगे पेश की गई थी, उसकी तुलना में इस बार दुगनी मांग की गई है।
महानगरपालिका एवं अन्य नगरीय स्थानीय निकायों को विशेष अनुदान के लिए 2,200 करोड़ रुपए देने की व्यवस्था की गई है। राज्य के कृषि पंप, वस्त्र उद्योग ग्राहकों को बिजली प्रसूल्क में छूट, सामूहिक प्रोत्साहन योजना के लिए 9,250 करोड़, केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को पूंजी निवेश के लिए 50 साल का ब्याज रहित विशेष कर योजना के तहत 4,439 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
साथ ही मनरेगा के लिए केंद्र और राज्य के हिस्से के रूप में 3500 करोड़, परिवहन विभाग के तहत आने वाले कार्यों को विभिन्न खर्चों के लिए तथा महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल को विशेष आर्थिक सहायता के लिए 2,008 करोड़, संजय गांधी निराधार योजना अनुदान के लिए 300 करोड़ पूरक मांगों के माध्यम से मुहैया कराए जाएंगे।
सरकार ने पहले ही संकेत दे दिया था कि किसान महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए निधि में कमी नहीं होने दी जाएगी। मानसून सत्र जून जुलाई 2025 में 57,509.70 करोड़ और बजट सत्र 2025 में 6486 करोड़ की निधि की मांग की गई थी।
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