
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में 2012 में दो साल की बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के दोषी व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रपति पद पर 25 जुलाई, 2022 को आसीन होने के बाद मुर्मू की ओर से खारिज की गई यह तीसरी दया याचिका है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 3 अक्टूबर, 2019 को रवि अशोक घुमारे को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखी। अदालत ने कहा कि उसका अपनी कामुक इच्छाओं पर कोई नियंत्रण नहीं था और उसने अपनी यौन भूख को शांत करने के लिए सभी प्राकृतिक, सामाजिक और कानूनी सीमाओं को तार-तार कर दिया था।
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत (जो अब प्रधान न्यायाधीश हैं) की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने दो अनुपात एक के बहुमत से यह फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि उस व्यक्ति ने एक ऐसे जीवन को निर्दयतापूर्वक समाप्त कर दिया जो अभी खिलना बाकी था। 2 वर्षीय बच्ची से अप्राकृतिक अपराध करने का उसका कृत्य एक गंदी और विकृत मानसिकता को दर्शाता है, जो क्रूरता की एक भयावह कहानी को प्रदर्शित करता है।
16 सितंबर, 2015 को सुनाई मौत की सजा
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी की गई दया याचिका की स्थिति के अनुसार, रवि अशोक घुमारे की दया याचिका राष्ट्रपति ने 6 नवंबर, 2025 को खारिज की। अधीनस्थ अदालत ने घुमारे को दोषी ठहराते हुए 16 सितंबर, 2015 को मौत की सजा सुनाई थी। जनवरी 2016 में बंबई उच्च न्यायालय ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था।
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