
इंदौर। खजराना से पलासिया तक मेट्रो ट्रेन को अंडरग्राउंड करने के फैसले से यह प्रोजेक्ट 5 साल पीछे हो जाएगा। इस अंडरग्राउंड करने के लिए कांटेक्ट कैंसल करने और अन्य खानापूर्ति में एक साल लगेगा, जबकि निर्माण होने में 4 साल का समय लगेगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में इंदौर के विकास को लेकर कल आयोजित की गई बैठक में मेट्रो ट्रेन को लेकर महत्वपूर्ण फैसला हो गया। पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा आयोजित की गई बैठक में खजराना से पलासिया चौराहा तक मेट्रो ट्रेन को एलिवेटेड के स्थान पर अंडरग्राउंड करने का फैसला लिया गया था। इस फैसले को मंजूरी के लिए कल की बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया। मुख्यमंत्री ने एलिवेटेड स्वरूप में मेट्रो का निर्माण करने के कारण बड़ी संख्या में मकान-दुकान में होने वाली तोडफ़ोड़ को ध्यान में रखते हुए इस अंडरग्राउंड करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस कार्य से जो 900 करोड रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा उसे भी राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने की सहमति दे दी गई। मेट्रो ट्रेन कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि कल हुए इस फैसले के क्रियान्वयन के लिए सबसे पहले तो अभी जो कंपनी को एलिवेटेड स्वरूप में काम करने का ठेका दिया गया है, उसके कांटेक्ट को कैंसल करना होगा। इसके बाद फिर एलिवेटेड स्वरूप से निर्माण के लिए योजना तैयार करना होगी। फिर इसके लिए अवार्ड पारित करने का काम होगा। इस सारे कार्य को करने में एक साल का समय लग जाएगा।
इन अधिकारियों ने बताया कि यह सारा कार्य होने के बाद इस 4 किलोमीटर के क्षेत्र में अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन बनाने के लिए अलग से टेंडर करना होगा। यह टेंडर करने उसे मंजूरी देने और उसके बाद निर्माण शुरू होने की प्रक्रिया आएगी। इस निर्माण को करने में 4 साल का समय लगेगा। इस तरह से इस क्षेत्र में एलिवेटेड से अंडरग्राउंड रुप में मेट्रो ट्रेन को कर दिए जाने पर 5 साल में यहां मेट्रो ट्रेन का ट्रैक तैयार हो सकेगा, जिस पर की ट्रेन को दौड़ाया जा सके। अभी इस रूट पर वैसे भी करीब डेढ़ वर्ष से कामकाज बंद है। ऐसे में अब इस प्रोजेक्ट को नए तरीके से आकर देना एक चुनौती रहेगा।
ध्यान रहे की खजराना से पलासिया चौराहे तक मेट्रो ट्रेन को एलिवेटेड स्वरूप में लाने पर नागरिकों की संपत्ति का बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा था। इस नुकसान का मुआवजा तो मेट्रो ट्रेन कंपनी द्वारा दे दिया जाता, लेकिन मात्र मुआवजा दे दिए जाने से नागरिकों के नुकसान की पूर्ति नहीं हो पाती। बड़ी संख्या में क्षेत्र के नागरिकों द्वारा मेट्रो ट्रेन का रूट बदलने या फिर उसे अंडरग्राउंड करने के लिए आवाज उठाई जा रही थी। इसी आवाज को देखते हुए मंत्री विजयवर्गीय के द्वारा इस क्षेत्र में मेट्रो ट्रेन को अंडरग्राउंड करवाने के लिए पहल की गई।
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