
इंदौर। 2007 के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तुलसी सिलावट ने संतोष मालवीय को सांवेर विधानसभा का उपचुनाव हराया था। उन्हीं की बहू रीना को कल उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया, जबकि दौड़ में भगवान परमार की पत्नी श्यामूबाई परमार आगे थीं और उनके नाम को लेकर कई नेताओं ने समर्थन भी दे दिया था। वे ताई गुट के माने जाते हैं, लेकिन जब भोपाल से नाम आया तो उसमें रीना का निकला।
प्रकाश सोनकर के निधन के बाद उपचुनाव में भाजपा ने संतोष मालवीय तो कांग्रेस ने तुलसी सिलावट को टिकट दिया था। उस समय मालवीय चुनाव हार गए थे। हालांकि बाद में मालवीय का निधन हो गया तो उनके पुत्र सतीश मालवीय सांवेर की राजनीति में सक्रिय हुए और जिला पंचायत का सदस्य जितवाया। तभी से मालवीय और परमार के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जे को लेकर मशक्कत चल रही थी। ताई गुट से जुड़े नेता श्यामूबाई परमार को अध्यक्ष बनाना चाहते थे तो मंत्री तुलसी सिलावट, राजेश सोनकर, मनोज पटेल रीना मालवीय के नाम को आगे बढ़ा रहे थे।
सूत्रों का कहना है कि आखिर तक परमार के नाम पर जोर लगाया गया, लेकिन दोनों के नाम का फैसला भोपाल पर छोड़ दिया गया और सिलावट बाजी मार ले गए। वे रीना मालवीय को अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए। कहा तो यह भी जा रहा है कि सिलावट ने इसके लिए वीटो कर दिया था। परमार सांवेर जनपद अध्यक्ष रहते ऐसा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं कर पाए, जिससे संगठन और कार्यकर्ता उनके नाम की पैरवी जोरदार ढंग से कर सकें।
कल चुनाव जीते और आज मोबाइल बंद
रीना मालवीय कल ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं और आज सुबह उनका मोबाइल 9425077869 बंद मिला। फिलहाल उनके पास सतीश मालवीय का नंबर ही है। भाजपा संगठन के निर्देश हैं कि महिला जनप्रतिनिधियों के साथ उनके रिश्तेदार नहीं रहेंगे और वे स्वयं कामकाज देखेंगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved