
इंदौर। इंदौर नगर निगम द्वारा पीपल्याहाना तालाब का ओवरफ्लो पानी पाइप लाइन के माध्यम से लाकर नाले में छोड़ा जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा दिए गए इस आदेश के क्रियान्वयन पर नगर निगम द्वारा डेढ़ करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। पीपल्याहाना तालाब के पास ही कोर्ट का नया भवन निर्माणाधीन है। ऐसे में बारिश के मौसम में जब यह तालाब ओवरफ्लो होता है तो उसका पानी कोर्ट के नए बनाए जा रहे भवन के साथ ही आसपास के क्षेत्र में फैल जाता है। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा यह निर्देश दिए गए थे कि इस पानी को व्यवस्थित तरीके से यहां से ले जाने की व्यवस्था की जाए।
इसके परिणाम स्वरूप इंदौर नगर निगम के ड्रेनेज विभाग द्वारा एक कार्ययोजना तैयार की गई है। विभाग के कार्यपालन यंत्री अश्विन जनवदे ने बताया कि निगम द्वारा इस चिह्नित किए गए स्थान से पाइप लाइन डालने का काम कराया जाएगा। इस पाइप लाइन के माध्यम से तालाब के ओवरफ्लो होने वाले पानी को करीब 200 मीटर दूर ले जाकर उस नाले में छोड़ा जाएगा, जो कि पलासिया की ओर आता है। इस कार्य पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इस कार्य को करने में 2 महीने का वक्त लगेगा।
बस्तियां भी डूब से बचेगी
इस तालाब के पीछे की तरफ रमाबाई नगर और अन्य बस्तियां बसी हुई हैं। जब भी तालाब ओवरफ्लो होता है तो इन बस्तियों में पानी भरा जाता है। इस व्यवस्था को आकार दे दिए जाने के कारण इन बस्तियों में भी जल भराव की समस्या का स्थायी रूप से समाधान हो जाएगा।
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