
नई दिल्ली । 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir) के पहलगाम(Pahalgam) में हुए आतंकी हमले(Terrorist attacks) के बाद एक तस्वीर ने पूरे देश को झकझोर(shook the country) कर रख दिया था। शादी के कुछ ही दिनों बाद पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए शुभम द्विवेदी की आतंकियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी, जिसके बाद पत्नी ऐशन्या बदहवास हालत में पति के शव के पास बैठी रहीं। आतंकियों ने ऐशन्या के सामने ही उनके पति की हत्या कर दी थी। इस घटना के लगभग तीन महीने बाद शुभम और उनके साथ इस हमले में मारे गए 25 अन्य लोगों को इंसाफ मिला है। सुरक्षा बलों ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकी सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को मारकर पहलगाम का बदला ले लिया है।
भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत अभियान चलाकर पहलगाम के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले सुलेमान सहित उसके दो साथियों को भी मार गिराया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या द्विवेदी ने एनडीटीवी से कहा है कि इन आतंकियों के खात्मे से दर्द तो कम नहीं होगा, लेकिन उन्हें शांति जरूर मिलेगी।
ऐशन्या ने बातचीत के दौरान कहा, “”मुझे सच में राहत मिली है। यह एक अच्छी शुरुआत है। इससे दर्द तो नहीं कम होगा लेकिन कम से कम हमें थोड़ी शांति तो मिलेगी।” ऐशन्या ने आगे कहा है कि आतंकवाद एक कैंसर की तरह है और इसे खत्म करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “अब कहीं न कहीं हम चैन की नींद सो पाएंगे, यह जान कर हुए कि जिन लोगों ने मेरे पति को मारा, वे मर चुके हैं। और जो लोग इसके पीछे हैं, जो लोग कहीं बैठे हैं और इन आतंकवादियों को कमांड दे रहे हैं, वे भी जल्द ही मारे जाएंगे। मुझे यह पता है क्योंकि मुझे हमारी सेना पर पूरा भरोसा है।”
शहीद का दर्जा देने की मांग
इससे पहले लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने के बीच कानपुर के रहने वालीं शुभम द्विवेदी की विधवा ऐशन्या द्विवेदी ने हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की। ऐशन्या ने कहा है कि हमले को तीन महीने हो गए हैं और अब जाकर इस मामले पर संसद में चर्चा हो रही है। ऐशन्या ने कहा, “मैंने पूरा दिन इस उम्मीद में बिताया कि आज की चर्चा से 26 शहीदों, उनके परिवारों और उनकी विधवाओं के लिए कुछ निकलेगा।”
उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे बड़ी बात शुभम और आतंकी हमले में मारे गए 25 अन्य लोगों को सम्मान और शहीद का दर्जा देने की मांग है। शुभम सिर्फ मरा नहीं, उसने देश के लिए अपनी जान दे दी। शहीद कहलाने के लिए इससे ज्यादा और क्या चाहिए?” ऐशन्या ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक आश्वासन, कोई राहत और कोई सम्मान नहीं मिला है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved