
नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार (Government of Tamil Nadu) में मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udayanidhi Stalin) के सनातन धर्म (sanatan religion) को दिए बयान पर हुआ बवाल अभी खत्म नहीं हुआ है. इस बयान पर अलग-अलग रिएक्शन आ रहे हैं, इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे (Priyank Kharge) ने भी उदयनिधि के सुर में सुर मिला दिए हैं. प्रियंक खरगे का कहना है कि जो धर्म समानता (religious equality) को नहीं मानता है, वह धर्म ही नहीं है.
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर जब प्रियंक खरगे से सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म जो समानता को आगे नहीं बढ़ाता है या आपके मनुष्य (man) होने की गरिमा का ध्यान नहीं रखता है तो वो मेरे हिसाब से धर्म ही नहीं है. जो भी धर्म आपको बराबरी नहीं देता है और इंसान नहीं मानता है, वह एक बीमारी की तरह ही है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने बीते दिन ही सनातन धर्म को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का खात्मा जरूरी है, ये डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारी की तरह है जिसका कोई उपाय नहीं है इसे सिर्फ खत्म किया जा सकता है. उदयनिधि के बयान पर जब बवाल हुआ था, उसके बाद भी वह इससे पीछे नहीं हटे थे.
अलग-अलग पार्टियों के आए कई रिएक्शन
एक तरफ भाजपा ने तो इस बयान के बहाने इंडिया गठबंधन को आड़े हाथों लिया है, जबकि विपक्ष ने इसका बचाव किया है. बीजेपी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उदयनिधि के माफी मांगने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने राहुल गांधी से भी इस मसले पर चुप्पी तोड़ने को कहा था.
कांग्रेस ने इस मसले पर कहा है कि हमने हमेशा ही सर्वधर्म समभाव की बात की है, हमारा स्टैंड पूरी तरह से साफ है. हालांकि, अन्य विपक्षी दलों ने इस मसले पर उदयनिधि का समर्थन किया है और बीजेपी को ही निशाने पर लिया है.
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