
इंदौर। रात 12 बजे जैसे ही भारत ने पाकिस्तान को एशिया कप के फाइनल में हराया तो पूरे शहर में पटाखे फूटने लगे और गरबा पंडालों से होता हुआ राजबाड़ा तक जश्न मनने लगा। हर बार की तरह इस बार भी क्रिकेटप्रेमी राजबाड़ा पर जमा हो गए और तिरंगा लहराते हुए जीत का जश्न मनाया और भारत माता की जय के नार ेलगाए। मगर आधे घंटे बाद ही पुलिस को यह जश्न रास नहीं आया और सायरन बजाते, डंडे फटकारते हुए भीड़ को खदेडऩा शुरू कर दिया, जबकि शहर के अलग-अलग हिस्सों से मय परिवार लोग राजबाड़ा पहुंच रहे थे। मजे की बात यह है कि जब पुलिस राजबाड़ा से भीड़ को खदेड़ रही थी उसी वक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कनकेश्वरी गरबा पंडाल में न सिर्फ मौजूद थे, बल्कि भारत की जीत का जश्न भी उन्होंने मनाया और सभी से मोबाइल की टॉर्च भी जलवाई।
इंदौर की लकीर की फकीर की पुलिस का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी चालानी कार्रवाई से लेकर भारी वाहनों पर लगाई गई रोक के आदेश का भी बेजा इस्तेमाल किया और सभी आवश्यक वाहनों को रोकना शुरू किया। हद तो कल रात तब हुई, जब प्रदेश के मुखिया यानी खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रात 1 बजे तक गरबा पंडालों में पहुंचते रहे और जब वे कनकेश्वरी गरबा महोत्सव पहुंचे, तब तक भारत की जीत का जश्न चूंकि प्रदेशभर में मनने लगा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर ऑपरेशन सिंदूर जारी है, कहते हुए भारतीय क्रिकेटरों को बधाई दी और मुख्यमंत्री ने भी उत्साह के साथ गरबा पंडाल में इस जीत पर जनता को बधाई देते हुए सभी से मोबाइल की टॉर्च जलाकर रोशनी भी करवाई और आज सुबह भी चिडिय़ाघर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने शहर के गरबा आयोजनों के साथ जीत के जश्न का उल्लेख किया और फेसबुक पर भी एक रोशनी विजय तिलक की शीर्षक से पोस्ट भी की।
मगर इंदौर पुलिस ने कानून व्यवस्था के नाम पर एक बार फिर अपनी हठधर्मिता दिखाई और साढ़े 12 बजे के बाद राजबाड़ा पर मौजूद भीड़ को खदेडऩा शुरू किया और थोड़ी ही देर में जश्न मनाता राजबाड़ा सूनसान हो गया। जबकि अभी शहरभर में गरबों के आयोजन चल रहे हैं और आधी रात के बाद तक शहर जाग रहा है। पूर्व में भी कई बार राजबाड़ा पर इसी तरह जश्न मनता रहा है। जबकि कल रात तो खुद मुख्यमंत्री इंदौर में मौजूद थे और 1 बजे तक गरबा पंडालों में मौजूद रहे और उसके बाद फिर रेसीडेंसी पहुंचकर रात्रि विश्राम किया। शहर के लोगों को जब राजबाड़ा के जश्न की जानकारी मिली तो गरबा आयोजनों और मैच देखने के बाद कई परिवार गाडिय़ों में बैठकर महिला-बच्चों के साथ राजबाड़ा पहुंचे। मगर तब तक पुलिस ने सायरन बजाते और डंडे फटकारते हुए राजबाड़ा को खाली कराना शुरू कर दिया। जबकि कानून व्यवस्था या अन्य कोई ऐसी अप्रिय स्थिति भी नहीं थी और आसानी से जश्न मनाने राजबाड़ा पहुंचे इंदौरी भारतीय जीत की खुशी में शामिल होते। मगर कई लोगों को उलटे पांव लौटना पड़ा। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने आज सुबह रेसीडेंसी पर मीडिया को बाइट देते हुए भारत की जीत पर न सिर्फ खुशी जाहिर की और कहा कि हमारे यहां तो मशाल जलाने की परम्परा रही है। हम सूर्यपूजा की संस्कृति वाले लोग हैं। अगर मशाल नहीं जला सकते तो सभी ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर जीत के उल्लास की अभिव्यक्ति दी और यह एक बेहतरीन दृश्य था, जिसमें अंदर की ऊर्जा गरबा पंडाल में प्रवाहित होती नजर आई। इस दौरान शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला, मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। रेसीडेंसी से मुख्यमंत्री चिडिय़ाघर पहुंचे और वहां भी उन्होंने अपना पक्षीप्रेम दिखाया और अपनी हथेलियों पर दाना रख पक्षियों को चुगाया।
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