
इंदौर। अभी तक देश में नदी जोड़ो अभियान चलाया जाता था, मगर उज्जैन में सिंहस्थ के चलते नदी मोड़ो प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिस पर 900 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। इससे इंदौर की कान्ह नदी का दूषित पानी क्षिप्रा नदी में मिलने के बजाय शुद्ध होकर गंभीर नदी तक पहुंचेगा, जो कि सिंचाई सहित अन्य काम आएगा। इसके लिए इंदौर के जमालपुरा से लेकर गंभीर नदी तक 12 किलोमीटर लम्बी टनल जमीन में 100 फीट नीचे बनाई जा रही है। कल शाम इंदौर कलेक्टर और उज्जैन के सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह ने उज्जैन पहुंचकर क्षिप्रा घाट निर्माण के साथ कान्ह क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट के चल रहे कार्यों की समीक्षा की। उनके साथ निगमायुक्त शिवम वर्मा भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शासन ने आशीष सिंह को उज्जैन के सिंहस्थ मेला अधिकारी का जिम्मा भी सौंपा, जिसके चलते वे उज्जैन जाकर चल रहे सिंहस्थ प्रोजेक्टों की समीक्षा कर रहे हैं। प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण, सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए जमीनों के अधिग्रहण से लेकर पार्किंग सहित जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित किए जा रहे घाटों और कान्ह क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट की भी कल समीक्षा की गई। ये सभी काम जून-2027 तक पूर्ण किए जाना है। श्री सिंह ने बताया कि एमपीआरडीसी के तहत जो नई सडक़ों का निर्माण कार्य सिंहस्थ के मद्देनजर चल रहा है उसे भी समय सीमा में पूरा करने के साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि पैदल यात्रियों को भी सुविधाजनक यात्रा करने में आसानी रहे और समय सीमा में ये सडक़ें भी बन जाए।
उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जयती सिंह और उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी सहित अन्य अधिकारी भी इस समीक्षा बैठक में मौजूद रहे। कलेक्टर के साथ इंदौर के निगमायुक्त शिवम वर्मा भी इस समीक्षा बैठक में मौजूद रहे। यह भी उल्लेखनीय है कि अभी तक कान्ह नदी का गंदा पानी क्षिप्रा में मिलता रहा है और पिछले सिंहस्थ में भी साधु-संतों ने इसको लेकर हल्ला मचाया और अभी कुछ समय पूर्व भी ये साधु-संत इंदौर तक आए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ के मद्देनजर 900 करोड़ रुपए से अधिक का कान्ह क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट बनवाया है, जिसमें कान्ह नदी को मोडक़र क्षिप्रा में मिलने से रोका जाएगा और उसका पानी गंभीर डेम तक पहुंचेगा। 18 किलोमीटर की यह डक्ट रहेगी, जिसमें 12 किलोमीटर लम्बी टनल यानी जमीन के अंदर सुरंग बनाई जा रही है। जिस कम्पनी को इसका ठेका दिया है वह 15 साल तक रख-रखाव भी करेगी और इसके जरिए क्षिप्रा में कान्ह का गंदा पानी एक बूंद भी नहीं मिलेगा। इंदौर रोड स्थित जमालपुरा से यह टनल बनाई जा रही है और दिसम्बर 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है, ताकि 2028 के सिंहस्थ में इसका लाभ मिल सके।
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