
उज्जैन। यातायात पुलिस चालान बनाने और समन शुल्क वसूलने में पिछले साल के मुकाबले इस साल इन बीते आठ महीनों में ही आगे निकल गई है। इतना ही नहीं, सख्ती के बाद बीते चार साल में सबसे ज्यादा चालान अब तक शराबियों के बनाए गए हैं। चालान संख्या 700 से अधिक हो गई है।
उज्जैन में आईटीएमएस कैमरे लगने के बाद उज्जैन यातायात पुलिस का चालान का आंकड़ा बिना हेलमेट, तीन सवारी, लाइट जम्प के कारण बढ़ा है, लेकिन सड़क पर सख्ती ने बीते साल के मुकाबले इस साल शराबियों के चालान का आंकड़ा भी बढ़ा दिया है। जनवरी से सितंबर तक यातायात पुलिस शराब के 736 चालान बना चुकी है, जबकि 2024 में ये आंकड़ा 458, 2023 में 88, 2022 में 103 था। रॉन्ग पार्क, नम्बर प्लेट, सिग्नल जम्प, ओवरलोड, तीन सवारी, हेलमेट, सीट बेल्ट, काली फिल्म, हूटर सहित अन्य धाराओं के अब तक हजारों चालान बना दिए हैं। इन 4 सालों में यातायात पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने वाले 1385 लोगों के चालान बनाए हैं और जुर्माना भी वसूला है।
केवल चालान बनाने के लिए रह गए कैमरे
जब स्मार्ट सिटी ने इस सिस्टम से शहर को लैस करने की बात कही थी, तब कहा जा रहा था कि इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से यातायात संकेत अन्य दूसरे चौराहों से जुड़े रहेंगे और ट्रैफिक के हिसाब से काम करेंगे। यानी दबाव वाले क्षेत्र से यातायात कम दबाव वाले क्षेत्र की ओर स्मार्ट तरीके से जा सकेगा। ये ओवरस्पीड की जानकारी भी देगा, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ और आईटीएमएस से केवल रेड लाइट वायलेशन, नो हेलमेट, तीन सवारी के चालान ही बनाए जा रहे हैं।
हर दिन लग रहे वसूली और बेकार यातायात प्रबंधन के आरोप
यातायात पुलिस भले ही समन शुल्क ज्यादा वसूलकर अपनी पीठ थपथपा ले, लेकिन हर दिन शहर की जनता इन पर वसूली और शहर के बेकार यातायात प्रबंधन के आरोप लगा रही है। आंकड़ा जिस आईटीएमएस सिस्टम के कारण बढ़ा है, वो भी जनता की उम्मीदों और वादों पर खरा नहीं उतर पा रहा है और केवल चालान बनाने तक सीमित रह गया है। उज्जैन में इस सिस्टम को 4 साल पहले शुरू किया गया था। पहले चरण में 16 चौराहों पर कैमरे लगे थे। जो शहर में प्रवेश करने वाले प्रमुख मार्ग हैं। वहां चालान नहीं बनते हैं, लेकिन शहर में प्रवेश करने वाले हर वाहन पर इनसे नजर रखी जाती है। बीआरटीएस तक हर चौराहा इन कैमरों की नजर में है।
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