
इंदौर। नगर निगम आज से राजस्व वसूली के मामले में सख्ती शुरू करेगा। अभी तक नगर निगम की वसूली 200 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जिसमें 150 करोड़ रुपए सम्पत्ति कर के, तो 20 करोड़ रुपए से ज्यादा कचरा संग्रहण शुल्क, वहीं 26 करोड़ जल कर के भी कल नवम्बर अंत तक प्राप्त हो गए थे। अब आयुक्त ने 10 दिसम्बर तक व्यवसायिक क्षेत्रों से शत-प्रतिशत राजस्व वसूली करने का लक्ष्य अमले को थमाया है और इसमें लापरवाही करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं कचरा संग्रहण शुल्क भी निगम 75 से 90 प्रतिशत तक इसी माह के अंत तक वसूल करेगा।
नगर निगम की माली हालत बीते कई समय से खस्ता है, क्योंकि शासन का खजाना भी खाली रहा, जिसके चलते निगम को करोड़ों रुपए अभी भी लेना है। वहीं कोरोना के चलते राजस्व संग्रहण में भी कमी आई, जिसके बाद निगम ने धीरे-धीरे वसूली तेज करवाई। अभी निगम का लक्ष्य स्वच्छता के साथ-साथ सेवन स्टार रेटिंग भी हासिल करना है, मगर उसमें शर्त यह है कि कचरा संग्रहण शुल्क 90 प्रतिशत तक वसूल किया जाए, लेकिन लॉकडाउन-कफ्र्यू के चलते यह वसूली भी प्रभावित हुई। निगम वैसे तो अपने ोतों से 400 से 500 करोड़ रुपए सालाना कमाई का लक्ष्य रखता है। मगर इस बार कोरोना के चलते नवम्बर अंत तक वह 200 करोड़ रुपए ही हासिल कर सका है। निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने कल राजस्व अमले की बैठक ली, जिसमें निर्देश दिए कि रोजाना माइक्रो मॉनिटरिंग वसूली को लेकर की जाए। समीक्षा बैठक में अपर आयुक्त एस. कृष्ण चैतन्य, उपायुक्त अरुण शर्मा के साथ सभी सहायक राजस्व अधिकारी, बिल कलेक्टर व अन्य मौजूद रहे। आयुक्त सुश्री पाल ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत 7 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिये माह दिसम्बर 2020 तक आवासीय क्षेत्रो से कचरा प्रबंधन शुल्क की राशि का 75 प्रतिशत व व्यवसायिक क्षेत्रो से कचरा प्रबंधन शुल्क 90 प्रतिशत वसुली करना आवश्यक है, इसके लिये समस्त सहायक राजस्व अधिकारियो, बिल कलेक्टर व राजस्व वसुली कार्य में संलग्न एनजीओ की टीम के साथ मिलकर प्रतिदिन, प्रति सप्ताह राजस्व वसुली का लक्ष्य बनाकर संपतिकर, जलकर के साथ-साथ कचरा प्रबंधन शुल्क वसुली का लक्ष्य प्राप्त करे। कचरा प्रबंधन शुल्क व संपतिकर-जलकर की वसुली कार्य में सहयोग के लिये समस्त सहायक राजस्व अधिकारी व बिल कलेक्टर व राजस्व विभाग की टीम लक्ष्यानुरूप वसुली करे।
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