
इन्दौर। झूले से खेल रहे बच्चे को फांसी लग गई। जिस समय हादसा हुआ, तब उसके आसपास बच्चे ही थे, जिन्होंने मोहल्ले वालों को बुलाकर घटना बताई। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। बाणगंगा पुलिस ने बताया कि 13 साल के शैलेंद्र पिता संतोष निवासी नंदबाग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया है।
परिजन ने बताया कि शैलेंद्र बाणगंगा में ही राय स्कूल में छठी कक्षा की पढ़ाई करता था। रोज की तरह वह स्कूल से आया। घर पर कोई नहीं था। घर पर मासूम बच्चे के लिए झूला छत पर रस्सी बांधकर बनाया था। जिस पर शैलेंद्र और उसकी एक रिश्तेदार 5 वर्षीय बच्ची खेल रहे थे। शैलेंद्र ने झूले पर बैठकर उसे गोल-गोल घुमाया तो उसका फंदा शैलेंद्र के गले में फंस गया, जिससे उसका गला दब गया और सांस रुक गई। पास में खेल रही बच्ची यह नजारा देख घबराई और भागती हुई मोहल्ले के लोगों को बुलाकर लाई। लोगों ने जैसे-तैसे फंदा खोला और उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। शैलेंद्र का एक भाई और बहन है। परिवार में वह सबसे छोटा था। शैलेंद्र का परिवार टीकमगढ़ के पास के एक गांव का रहने वाला है। यहां वे बच्चों की पढ़ाई के
आए हैं।
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