
इन्दौर। राजस्व अधिकारियों की विस्तृत समीक्षा बैठक में कलेक्टेट ने नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, फार्मर रजिस्ट्री, स्वामित्व योजना, लोक सेवा गारंटी अधिनियम तथा सीएम हेल्पलाइन से जुड़े प्रकरणों की अधिकारीवार समीक्षा की। एक-एक प्रकरण को उठाकर न केवल उसकी जांच की गई, बल्कि निराकरण कैसे और किस आधार पर किया गया उसकी जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण केवल फाइल निपटाने की औपचारिकता न होकर गुणवत्तापूर्ण, न्यायसंगत और समय-सीमा में होना चाहिए। आदेश तो जारी हो रहे हैं, लेकिन उनके पालन में लापरवाही क्यों हो रही है— यह स्थिति गंभीर है और अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर शिवम वर्मा ने बारीकी से आम जनता के प्रति किए जा रहे आदेशों की समीक्षा की। उन्होंने रैंडमली सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों को उठाकर उनके निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने जिले में एसएआर (विशेष अभियान रजिस्ट्रेशन) की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब समस्त राजस्व अधिकारियों को पूरी ताकत के साथ नियमित राजस्व कार्यों में जुट जाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब किसी भी तरह की ढिलाई या टालमटोल स्वीकार नहीं की जाएगी। शासकीय भूमि से जुड़े मामलों में प्रशासन का पक्ष मजबूती से रखा जाए, ताकि फैसले शासन के हित में सुनिश्चित हो सकें।
आदेश के साथ अमल भी हो, माह के अंतिम शनिवार लगेगी क्लास
कलेक्टर वर्मा ने निर्देश दिए कि सभी प्राप्त राजस्व आवेदनों का अनिवार्य रूप से पंजीयन किया जाए। कोई भी आवेदन बिना दर्ज हुए लंबित न रहे। जिन मामलों में आदेश पारित हो चुके हैं, उनका समय पर अमल कर उन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए। उन्होंने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य के साथ-साथ राजस्व प्रकरणों को भी समान प्राथमिकता देने की बात कही। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब राजस्व प्रकरणों की मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाएगी। प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक आयोजित होगी। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ न्यायालयों का नियमित निरीक्षण करने और लंबित मामलों की स्वयं समीक्षा करने के निर्देश दिए।
हर दिन आवेदन देखे
सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर वर्मा ने कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन आवेदनों की स्थिति देखें और हर हाल में समय-सीमा के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने रेंडम आधार पर निराकृत प्रकरणों की गुणवत्ता की जांच कर यह भी स्पष्ट किया कि केवल ‘निराकृत’ दिखाना पर्याप्त नहीं, बल्कि आवेदक को वास्तविक समाधान मिलना चाहिए।
फिर चलेगा विशेष अभियान
राजस्व बकाया वसूली को लेकर जिले में विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए। कलेक्टर ने बड़े बकायादारों की सूची तैयार कर उनसे सीधा संपर्क करने, संवाद के माध्यम से वसूली में तेजी लाने, डायवर्शन वसूली पर विशेष ध्यान देने तथा बिना अनुमति भूमि उपयोग परिवर्तन करने वालों की पहचान कर डायवर्सन टैक्स की मांग कायम करने को कहा। संभावित भूमि उपयोग से संबंधित सूचनाएं एकत्र करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने दो टूक कहा कि समय-सीमा, गुणवत्ता और जवाबदेही—इन तीनों पर शून्य सहनशीलता की नीति लागू रहेगी। बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई तय है। बैठक में अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पवार, रोशन राय, रिंकेश वैश्य, निशा डामोर सहित अन्य राजस्व अधिकारी उपस्थित रहे।

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