img-fluid

5 साल के रामलला की 8.5 फीट ऊंची ही होगी प्रतिमा, इसके पीछे की खास वजह

January 05, 2023

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में भगवान रामलला का बहुप्रतीक्षित मंदिर बन रहा है. मंदिर में भगवान रामलला की स्थाई मूर्ति लगाई जानी है. स्थाई मूर्ति को लेकर मंथन शुरू हो गया है. मूर्तिकला में पद्मविभूषण से सम्मानित मूर्तिकार को जिम्मेदारी दी गई है. मूर्ति के आकार-प्रकार और स्वरूप को लेकर भी मंथन का दौर शुरू हो गया है.

भगवान रामलला की मूर्ति आकाशीय यानी कि आसमानी ग्रे रंग के पत्थर से बनाई जाएगी, जिसकी उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है. मूर्ति 5 वर्ष के बालक स्वरूप भगवान रामलला की होगी जो खड़ी अवस्था में होगी. इसके लिए मूर्ति विशेषज्ञों की राय लेकर पहले चित्र बनाया जाएगा और फिर मूर्ति के छोटे-छोटे प्रारूप बनाकर ट्रस्ट के सामने उन्हें रखा जाएगा. सबसे आकर्षक प्रारूप की मूर्ति भगवान रामलला की अस्थाई मूर्ति के तौर पर चयनित की जाएगी.

मूर्ति निर्माण के लिए 3 लोगों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें मूर्तिकला के विशेषज्ञ मूर्ति के प्रारूप बनाकर ट्रस्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे. भगवान रामलला के मस्तक पर रामनवमी के दिन सूर्य की किरण का तिलक लगे, इसके लिए वैज्ञानिकों ने मूर्ति की ऊंचाई लगभग साढ़े आठ फीट तय की है. जिसको लेकर मूर्ति निर्माता सामंजस्य बैठा कर मूर्ति का निर्माण करेंगे. मूर्ति का निर्माण शास्त्र के श्लोक ‘नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं” के तर्ज पर किया जाएगा.


राम मंदिर में होंगी दो मूर्तियां
भगवान रामलला के मंदिर में दो मूर्तियां स्थापित की जाएंगी- एक चल मूर्ति यानी कि जो विशेष अवसरों पर मंदिर के बाहर भी निकाली जाएंगी. ऐसी सनातन धर्म की परंपरा है. और दूसरी स्थाई मूर्ति जो मंदिर में स्थाई तौर पर स्थापित रहेंगी. वर्तमान मूर्ति चल मूर्ति के तौर पर भगवान राम लला के नए मंदिर में विराजमान होगी. इसके अलावा स्थाई मूर्ति के तौर पर भगवान राम लला की आसमानी ग्रे कलर की 5 वर्ष के बालक के आकार में लगभग साढ़े 8 फीट ऊंची लगाई जाएगी. साढ़े 8 फीट ऊंची इसलिए क्योंकि बहुप्रतीक्षित मंदिर में रामनवमी के दिन भगवान रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरण का अभिषेक हो. ऐसी वैज्ञानिकों ने रूपरेखा तय की है. इसके लिए साढ़े आठ फीट की ऊंचाई होना अनिवार्य है.

इस वजह से ऊंचाई होगी 8.5 फ़ीट
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान के मूर्ति का स्वरूप नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं” के तर्ज पर बनाया जाएगा. मूर्ति के लिए ऐसे पत्थर का चयन किया जाएगा जो आकाश के रंग का हो. महाराष्ट्र और उड़ीसा के मूर्तिकला के विद्वानों ने आश्वासन दिया है कि ऐसा पत्थर उनके पास उपलब्ध है. चूंकि रामलला का दर्शन नब्य मंदिर में 35 फीट की दूरी पर होगा, लिहाजा भगवान की आंख से लेकर चरणों तक श्रद्धालु को आसानी से दर्शन हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है. चंपत राय के मुताबिक इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि रामनवमी के दिन भगवान के मस्तक को सूर्य की किरणों का तिलक लगे.

Share:

  • Gold-Silver Price Today: सोने की और बढ़ी चमक, चांदी थोड़ी फीकी; फटाफट जान लें आज की कीमत

    Thu Jan 5 , 2023
    नई दिल्ली: सोना नया रिकॉर्ड कायम कर रहा है. नए साल की शुरुआत के साथ सोने की कीमत अब सातवें आसमान की ओर बढ़ रही हैं. गुरुवार 5 जनवरी को भी बाजार में सोने की कीमत में मामूली तेजी देखने को मिली. सोना 150 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हुआ. वहीं बात चांदी की […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved